चीन:चीन के तिब्बत क्षेत्र में आज सुबह आए भूकंप के चलते अबतक 95 लोगों की जान जा चुकी है. बड़ी संख्या में लोग घायल हैं, उनका इलाज नजदीकी अस्पताल में चल रहा है. ड्रोन की मदद लेकर घर के अंदर मलबे में फंसे लोगों को बचाने का काम किया जा रहा है. वहां इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई है. चीन की सेना रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. पूरे उत्तर भारत में मंगलवार सुबह 6:35 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए.
7.1 की तीव्रता से आए इस भूकंप से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के लोग तो सुबह-सुबह दहशत में आ ही गए. असम से लेकर बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड में भी महसूस किए गए. केवल भारत ही नहीं नेपाल, बांग्लादेश, चीन भी इस भूकंप की चपेट में आ गए.
भूकंप की तीव्रता इतनी तेज थी कि सर्द रातों के बीच घर पर सो रहे लोग की नींद टूट गई. कुछ इलाकों में लोग डर से कांपते हुए नजर आए. अब यह जानकारी सामने आ रही है कि भूकंप के चलते चीन के तिब्बत रीजन में 95 लोगों की मौत हो गई है. एक घंटे के भीतर पांच बार भूकंप के झटके महसूस किए गए. इस भूकंप का केंद्र भारत में नहीं था. पड़ोसी देश नेपाल और चीन के बॉर्डर पर जमीन से करीब 10 किलोमीटर नीचे इसका केंद्र बताया जा रहा है.
भुकंप का केंद्र नेपाल के सोलुखुम्बु जिले में था, जो चीन की सीमा के पास स्थित है. भूकंप के झटकों ने 2015 में काठमांडू के पास आए 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप की यादें ताजा कर दीं, जिसमें लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग घायल हो गए थे.
स्थानीय जिला अधिकारी, रुपेश विश्वकर्मा ने सीएनएन को बताया, “झटके बहुत तेज थे, निश्चित रूप से हर कोई घबरा गया है.” उन्होंने कहा, “माउंट एवरेस्ट के नेपाल बेस कैंप के पास एक याक फार्म में सब कुछ हिल रहा था और कर्मचारी बहुत डरे हुए थे.”
मन में तरह-तरह के सवाल उठने लाजमी हैं कि अगर इस तरह से भूकंप आ जाए तो तत्काल बचाव के लिए क्या करें और क्या ना करें. चलिए हम आपको इसके बारे में विस्तार में बताते हैं.