‘हिट-एंड-रन’ कानून के खिलाफ देशभर में सड़कों पर उतरे ड्राइवर

नई दिल्लीः ट्रक चालकों के हड़ताल का असर नवी मुंबई स्थित एपीएमसी सब्जी मार्केट पर भी पड़ते नजर आ रहा है. आम तौर पर एपीएमसी मार्केट में हर रोज 600 से 700 ट्रक सब्जियां सप्लाई होती थी, लेकिन आज केवल 500 गाड़ियां मार्केट में पहुंची हैं.

व्होल सेल विक्रेताओं का कहना है कि सप्लाई न होने के कारण सब्जियों के दर में भी वृद्धि हुई हैं. सब्जियों में 20 से 25% वृद्धि देखी गई है.मुंबई के सिवरी इलाके में ऑयल कंपनी में मौजूद ट्रक ड्राइवरों की भीड़ उमड़ पड़ी है. 300 से ज्यादा ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर हैं. इस मौके पर मुंबई पुलिस ने बंदोबस्त बढ़ा दिया है.

मुंबई में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल का असर दिखने लगा है. मुंबई के 50% पेट्रोल पंप ड्राई हो चुके हैं, यानि उनमें पेट्रोल नहीं है. बीती रात नागरिकों द्वारा भराए गए पेट्रोल के बाद आज स्टॉक रिफिल नहीं हुआ है. आम तौर पर हर दिन 1500 गाड़ियां ईंधन की सप्लाई की जाती हैं,

लेकिन आज एक भी गाड़ी अब तक एक भी ऑयल ट्रक मुंबई नहीं पहुंची हैं. पेट्रोल डीलर एसोसिएशन का कहना है के पेट्रोल सप्लाई करने वाली कंपनियों का सहयोग है. हालांकि ऑयल ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर हैं. जिस वजह से मुंबई में शाम तक स्थिति बिगड़ सकती है.

सरकार के जरिए हाल ही में पास किए गए भारतीय न्याय संहिता को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. नए कानून में ‘हिट-एंड-रन’ सड़क दुर्घटना मामलों के संबंध में सात लाख का जुर्माना और 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. इसे लेकर ट्रक ड्राइवर्स में खासा नाराजगी है. देश के अलग-अलग राज्यों में ट्रक ड्राइवरों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है. महाराष्ट्र में प्रदर्शन की वजह से कुछ स्थानों पर ईंधन की कमी की आशंका पैदा हो गई.

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने कहा है कि इन प्रावधानों की वजह से ट्रक ड्राइवरों को अनुचित उत्पीड़न का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए इन्हें वापस लिया जाना चाहिए. इन प्रावधानों को अभी तक लागू नहीं किया गया है. ट्रक ड्राइवरों का सबसे ज्यादा हिंसक प्रदर्शन महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है. महाराष्ट्र के पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के सचिव अकील अब्बास ने का कहना है कि छत्रपति संभाजीनगर में कुछ पेट्रोल पंपों पर काम पहले ही बंद हो चुका है.

वहीं, सोमवार को मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में अनुमानित 1.20 लाख ट्रकों, टेम्पो और कंटेनरों में से 70% से ज्यादा सड़कों से नदारद रहे. ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने बताया है कि 35 फीसदी वाहन ही पेट्रोल और एलपीजी जैसी जरूरत की चीजों की सप्लाई कर रहे हैं, ताकि लोगों की जरूरतें पूरी हो सकें. तीन दिनों तक चलने वाली हड़ताल की वजह से ईंधन से लेकर फल-सब्जियों की आपूर्ति बाधित हो सकती है. एक दिन के विरोध में एमएमआर में 150 करोड़ का नुकसान हुआ है.

सोलापुर, कोल्हापुर, नागपुर और गोंदिया जिलों में भी ‘रास्ता रोको’ प्रदर्शन किया गया है. वहीं नवी मुंबई और अन्य स्थानों पर अभी हालात काबू में नजर आ रहे हैं. एमएमआर के बाहर, देश के बाकी हिस्सों में, पहले दिन की हड़ताल का असर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल, राजस्थान और बिहार पर आंशिक रूप से देखने को मिला. मध्य प्रदेश में इंदौर, गुजरात में सूरत और हरियाणा में अंबाला कुछ अन्य शहर थे, जहां ड्राइवरों ने विरोध प्रदर्शन किया है.

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