देहरादून : पहले सत्र का विषय था “उन्नत खेल पोषण – उच्चतम प्रदर्शन के लिए,” जिसमें प्रमुख वक्ता के रूप में पोषण विशेषज्ञ डॉ. कोम्मी कल्पना ने खिलाड़ियों के प्रदर्शन, रिकवरी और मानसिक स्वास्थ्य में पोषण की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि खेल पोषण का मुख्य उद्देश्य प्रदर्शन को बेहतर बनाना, रिकवरी को तेज करना और मनोवैज्ञानिक तनाव को कम करना है।
दूसरे सत्र का विषय था “एक एथलीट की जिंदगी – स्वर्ण पदक और ग्लैमर के पीछे,” जिसमें ओलंपियन अंजुम मुद्गिल और खेल प्रसारक अनीशा घोष ने अपने अनुभव साझा किए। अंजुम मुद्गिल ने अपने प्रशिक्षण और पेरिस ओलंपिक्स के दौरान मानसिक चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि आत्म-प्रेरणा उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण थी।
उन्होंने कहा कि खेल केवल पदक जीतने के बारे में नहीं है, बल्कि एक खिलाड़ी के रूप में विकसित होने और चुनौतियों से सीखने की प्रक्रिया है। उन्होंने सोशल मीडिया के प्रभावों पर भी चर्चा करते हुए कहा कि यह कभी-कभी भारी पड़ सकता है, लेकिन हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि हम अपने लिए, अपने परिवार के लिए और अपने देश के लिए मेहनत कर रहे हैं।
नेशनल स्पोर्ट्स विजन कॉनक्लेव के इन दोनों सत्रों ने खेल पोषण और एथलीट जीवन की वास्तविकताओं को उजागर किया, जिससे खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को मूल्यवान जानकारी प्राप्त हुई।