मध्य यूरोप में ‘आफत’ की वर्षा

बर्लिन: मध्य यूरोप में बाढ़ से मरने वालों की संख्या रविवार को बढ़कर आठ हो गई है। दरअसल, चेक गणराज्य में कई दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश के बाद से क्षेत्र के कई हिस्सों में नदियां उफान पर आ गईं। वहीं, यहां से हजारों लोगों को उनके घरों से सुरक्षित निकाला गया।बोरिस नामक एक कम दबाव प्रणाली के कारण ऑस्ट्रिया से लेकर रोमानिया तक बारिश हुई। इसकी वजह से चेक गणराज्य और पोलैंड के बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में करीब तीन दशकों में सबसे भयंकर बाढ़ देखी गई।

कम से कम सोमवार तक अधिक बारिश और तेज हवाएं चलने का पूर्वानुमान है। हालांकि, रोमानिया में रविवार को बारिश कम हो गई, जहां एक दिन पहले बाढ़ का कहर था। सप्ताहांत में हजारों घर क्षतिग्रस्त हो गए, पुल बह गए और कम से कम 250,000 घर – मुख्य रूप से चेक गणराज्य में – बिजली कटौती से प्रभावित हुए।

रविवार को दक्षिण-पश्चिमी पोलैंड में एक व्यक्ति डूब गया। इसके अलावा, ऑस्ट्रिया में बचाव कार्य में लगे एक दमकलकर्मी की मौत हो गई तथा रोमानिया में दो अन्य लोगों की मौत हो गई। वहीं, शनिवार को चार लोगों की मौत की जानकारी सामने आई थी। इसके अलावा, दमकल कर्मी के मौत वाले इलाके को आपदा क्षेत्र घोषित किया गया है। साथ ही गैर-जरूरी यात्रा के खिलाफ चेतावनी दी गई।

चेक गणराज्य की सीमा के पास पोलैंड के ऐतिहासिक शहर ग्लूकोलेजी में एक पुल ढह गया और स्थानीय अधिकारियों ने रविवार तड़के लोगों को वहां से निकालने के आदेश दिए। स्थानीय मीडिया ने कहा कि पौलेंड मौसम संस्थान के अनुसार, स्ट्रोनी स्लास्की के पहाड़ी शहर में एक और पुल ढह गया, जहां एक बांध टूट गया।पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने पास के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने एक्स पर कहा कि सरकार आपदा की स्थिति की घोषणा करेगी और यूरोपीय संघ से सहायता मांगेगी।

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