देहरादून। मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय देहरादून से निजी मैटरनिटी सेंटर और अस्पताल के विरुद्ध शिकायत से जुड़ी जांच की पत्रावलियां गायब होने पर तीन प्रधान सहायक और एक कनिष्ठ सहायक के विरुद्ध शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचना लक्खीबाग चौकी प्रभारी आशीष रावत को सौंपी गई है।
पुलिस को दी शिकायत में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (जांच) डा. दिनेश चौहान ने बताया कि वर्ष 2015 के दौरान मनोज कुमार बिष्ट निवासी मोथरोवाला ने बंजारावाला स्थित एक मैटरनिटी सेंटर और आराघर के पास स्थित एक चिकित्सालय के विरुद्ध शिकायती पत्र दिया था।
इस मामले में विभागीय जांच कराई गई थी और जांच से संबंधित पत्रावलियां कार्यालय जमा थीं। कुलदीप सिंह रावत ने सूचना के अधिकार के अंतर्गत जांच संबंधी पत्रावली मांगी तो कार्यालय में पत्रावली नहीं मिली। कुलदीप ने राज्य सूचना आयोग के समक्ष पत्रावलियों के संबंध में अपील की, जिस पर आयोग ने एक दिसंबर 2023 को मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्रावलियां उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने पत्रावली के संबंध में विभागीय जांच कराई तो प्रधान सहायक अजय कन्नौजिया ने बताया कि जुलाई-2018 तक वह मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में तैनात थे, तब पत्रावली वहीं थीं। वह वर्तमान में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय में तैनात हैं। इसके बाद वहां जुलाई-2018 से 2019 तक लिपिक रहे।
वहीं, वर्तमान में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पौड़ी गढ़वाल में तैनात प्रधान सहायक रविंद्र डोगरा से पूछताछ की गई तो वह इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दे पाए। इसके बाद वर्ष 2019 से 2021 तक कनिष्ठ सहायक रहे अभिषेक त्रिपाठी और वर्ष-2021 से अब तक प्रधान सहायक का कार्यभार देख रहे अश्वनी आर्य से पूछताछ की गई तो इन दोनों ने भी पत्रावली से संबंधित जानकारी होने से इन्कार कर दिया।
सूचना आयोग ने इन चारों कर्मचारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून को आदेश दिए। शहर कोतवाल कैलाश चंद्र भट्ट ने बताया कि शिकायत के आधार पर अजय कन्नौजिया, रविंद्र डोगरा, अभिषेक त्रिपाठी और अश्वनी आर्य के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।