बंगाल की खाड़ी से दौड़ती भागती आ रही तबाही

नई दिल्‍ली. भारत भौगोलिक रूप से काफी विविधताओं वाला देश है. देश में एक ही समय में बर्फबारी और तूफानी बारिश होती है. फिलहाल पवर्तीय और उत्‍तर और पूर्वी भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. पवर्तीय प्रदेशों में हिमपात का दौर शुरू हो चुका है.

दूसरी तरफ, समुद्री तटों से लगते राज्‍यों के लिए और बुरी खबर सामने आई है. बंगाल की खाड़ी में मौसम का तेवर फिर से बदलने लगा है. बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्‍य क्षेत्र में डिप्रेशन का सिस्‍टम डेवलप हो रह है. यह तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तट से 700 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित है. आने वाले 24 घंटों में इसके आगे बढ़ने की संभावना है.

बता दें कि कुछ सप्‍ताह पहले ही साइक्‍लोनिक स्‍टॉर्म फेंजल की वजह से तमिलनाडु और पुडुचेरी के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश हुई थी. तेज हवा और बारिश से काफी तबाही मची थी. आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाके भी प्रभावित हुए थे.

IMD के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के वेस्‍ट-सेंट्रल एरिया में डिप्रेशन सिस्‍टम डेवलप हो गया है. इससे लो-प्रेशर का एरिया बना हुआ है. मौसम विज्ञानियों ने बताया कि इसका असर दक्षिण-पश्चिम से जुड़े एरिया में भी देखा जा रहा है. बंगाल की खाड़ी में यह उत्‍तर दिशा की तरफ बढ़ रहा है.

फिलहाल इसके चक्रवाती तूफान में बदलने के आसार के बारे में पूर्वानुमान नहीं जताया गया है, लेकिन यदि यह स्‍ट्रॉन्‍ग होता रहा तो साइक्‍लोनिक स्‍टॉर्म में तब्‍दील होने की आशंका बढ़ जाएगी. इसके प्रभाव से बंगाल की खाड़ी के तट से लगते इलाकों के मौसम में बदलाव आ सकता है.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. मौसम विज्ञानियों ने बताया कि फिलहाल यह आंध्र प्रदेश के तट से दूर स्थित है. आईएमडी ने बतया कि बंगाल की खाड़ी में स्थित लो-प्रेशन सिस्‍टम चेन्‍नई से 370 किलोमीटर पूर्व-उत्‍तरपूर्व में स्थित है.

विशाखपट्टनम से 450 किलोमीटर दक्षिण अैर गोपालपुर (ओडिशा) से 640 किलोमीटर दक्षिण दक्षिण-पश्चिम में स्थित है. इसके मजबूत होने की स्थिति में चक्रवाती तूफान आने की आशंका प्रबल हो जाएगी. बता दें कि चक्रवाती तूफान से सबसे ज्‍यादा तटवर्ती प्रदेश प्रभावित होते हैं.

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