नई दिल्लीः पश्चिम मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर बना कम दबाव का क्षेत्र अवदाब में बदल गया है और चक्रवात का खतरा पैदा हो गया है। इसके प्रभाव से आंध्र प्रदेश और ओडिशा समेत तटीय राज्यों में भारी बारिश हो रही है और कम से कम अभी अगले तीन दिनों तक मौसम ऐसा ही रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और झारखंड के कुछ इलाकों में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में भी मूसलाधार बारिश हो रही है।
मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में बने अवदाब के दो दिन में चक्रवात में बदलने का खतरा है। इसके प्रभाव से पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों, दक्षिण ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, दक्षिणी झारखंड और छत्तीसगढ़ और पूर्वी तेलंगाना में जोरदार बारिश के साथ 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सतही हवाएं भी चलने का अनुमान है। आईएमडी ने सोमवार को इन राज्यों में अत्यधिक भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि उसके बाद के दो दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट है।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की वजह से जगह-जगह भूस्खलन हुए हैं और राष्ट्रीय राजमार्ग 5 (भारत-तिब्ब्त मार्ग) समेत 60 से अधिक सड़कें बंद हैं। मलबा हटाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है, लेकिन पहाड़ से लगातार पत्थर गिरते रहने से रास्ता साफ करने में दिक्कतें आ रही हैं।
राज्य में 11 बिजली आपूर्ति और एक जल आपूर्ति योजना भी ठप पड़ी है। शनिवार से भारी बारिश हो रही है। ऊना में सबसे अधिक 48 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। राजस्थान में राजधानी जयपुर, अजमेर, अलवर, बूंदी, झालवाड़, करौली, सिरोही और टोंक जिलों में पिछले 24 घंटे के दौरान भारी वर्षा दर्ज की गई है। अलवर में 11 सेमी तक वर्षा हुई है।
अजमेर में रविवार तड़के भारी बारिश होने से कई इलाकों में पानी भर गया है। विशेषतौर पर निचले इलाकों में सबसे बुरा हाल है। सड़कों पर दरिया बह रही है और लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कुछ निचले इलाकों में बाजारों और दुकानों में पानी घुस गया है। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने अजमेर में 10 सितंबर तक भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
गुजरात में भारी बारिश के चलते कई नदियां उफान पर हैं और कई इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं। रविवार को साबरकांठा जिले में एक उफनते नाले पर बने पुल को पार करते समय एक कार बहकर करोल नदी में समा गई, जिससे उसमें सवार दंपती लगभग दो घंटे तक बाढ़ के पानी में फंसा रहा।
बाद में जलस्तर कम होने पर दमकल कर्मियों ने उन्हें बचाया। इदर कस्बे में हुई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल है, जिसमें दंपती को कार की छत पर डरे-सहमे मदद का इंतजार करते देखा जा सकता है।
एक अधिकारी ने बताया कि नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया था, जिससे कार पुल से लगभग 1.5 किमी दूर चली गई और लगभग पानी में डूब गई। केवल उसकी छत ही दिखाई दे रही थी। जैसे-तैसे पति-पत्नी कार से बाहर निकले और उसके छत पर चढ़ गए। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना दमकल को दी। बाद में कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें बचा लिया गया।
बारिश, जलभराव और भूस्खलन जैसी घटनाओं के अलावा वज्रपात भी लोगों की कड़ी परीक्षा ले रहा है। छत्तीसगढ़ के बालोदाबाजार-भाटपारा जिले में बिजली गिरने से सात लोगों की मौत हो गई और तीन लोग झुलस गए हैं। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि घटना रविवार शाम मोहतारा गांव में हुई जब हादसे में जान गंवाने वाले लोग एक खेत में काम कर रहे थे। ये लोग भारी बारिश के बीच अपने खेत के पास एक तालाब के किनारे एकत्र हुए थे, उसी दौरान बिजली गिर गई।
केंद्रीय कोयला मंत्री और तेलंगाना भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जी किशन रेड्डी ने राज्य के खम्मम जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तेलंगाना सरकार से राज्य आपदा राहत कोष में उपलब्ध 1,345 करोड़ रुपये को बाढ़ ग्रस्त इलाकों में लोगों को राहत पहुंचाने में खर्च करने को कहा है।