देहरादून। देश में बढ़े रहे साइबर हमलाें को देखते हुए प्रदेश में भी साइबर कमांड़ों की फौज तैयार की जा रही है। पहले चरण में 10 साइबर कमांड़ो को चयनित किया गया है। यह साइबर कमांडो साइबर क्राइम थाना देहरादून व हल्द्वानी से चयनित किए गए हैं। फरवरी माह में इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (आइ4सी) की ओर से ली गई आनलाइन परीक्षा में इन पुलिसकर्मियों ने परीक्षा पास की है। इसके बाद इनका चयन साइबर कमांडों के लिए किया गया है।
बढ़ती साइबर धोखाधड़ी को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से साइबर कमांडो बनाने की योजना बनाई गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी साफ किया है कि साइबर सुरक्षा सिर्फ डिजिटल दुनिया तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का अभी अहम पहलू है।
साइबर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में पूर्व से ही साइबर कमांडो बनाने की योजना चल रही थी। यह योजना अब धरातल पर उतरी है। जल्द ही इन चयनित पुलिसकर्मियों को साइबर कमांडों के प्रशिक्षण के लिए रवाना किया जाएगा। जिस तरह से साइबर ठग नए-नए तरीकों से ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, वह पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। ठग क्रिफ्टो करेंसी के माध्यम से यह धनराशि दुबई, कंबोडिया, पाकिस्तान, वियतनाम भेज रहे हैं।
देश में छोटे-मोटे साइबर ठग तो पुलिस के पकड़ में आ जा रहे हैं, लेकिन विदेशों में बैठे मास्टरमाइंडों तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसी चेन को तोड़ने के लिए साइबर कमांडों तैयार किए जा रहे हैं, ताकि समय रहते पुलिस अपनी कार्रवाई शुरू करते हुए धनराशि विदेश जाने से ही होल्ड की जा सके।
एसटीएफ पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह नेगी ने कहा कि साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से प्रदेश में 10 सदस्यीय साइबर कमांडों टीम गठित की गई है। साइबर क्राइम थाना देहरादून व हल्द्वानी में तैनात पुलिसकर्मियों को टीम में शामिल किया गया है। चयनित साइबर कमांडों का प्रशिक्षण देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में शुरू होने जा रहा है।