देहरादून। दून समेत उत्तराखंड के ज्यादातर क्षेत्रों में अगले कुछ दिन मौसम शुष्क रहने के आसार है। मौसम विभाग के अनुसार शुष्क मौसम के बीच ज्यादातर क्षेत्रों में चटख धूप खिली रहेगी। पर्वतीय क्षेत्रों में पाला और मैदानी क्षेत्रों में कोहरा दुश्वारियां बढ़ा सकता है। बीते सोमवार को हुई वर्षा और हिमपात के बाद प्रदेशभर में ठिठुरन बढ़ गई है। अगले कुछ दिनों में तापमान में गिरावट आ सकती है।
नवंबर में उत्तराखंड में शुष्क मौसम के बीच ज्यादातर क्षेत्रों में बारिश नहीं हुई। जिससे तापमान सामान्य से अधिक बना रहा और दिन में ठंड महसूस नहीं की गई। दिसंबर की शुरुआत के साथ ही ताजा पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते आंशिक बादल विकसित होने लगे।
बीते सोमवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में बादलों का डेरा रहा और देहरादून समेत कई क्षेत्रों में हल्की वर्षा दर्ज की गई। बागेश्वर और पिथौरागढ़ में चोटियों पर हिमपात के एक से दो दौर हुए। चारधाम में भी देर रात ऊंचे इलाकों में हल्की बूंदाबांदी की सूचना है। इसके साथ ही मसूरी के निकट नागटिब्बा की पहाड़ियों पर भी सीजन का पहला हिमपात हुआ।
हालांकि, मंगलवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहा और चटख धूप खिली। सुबह-शाम हल्की हवाओं के साथ ठिठुरन बढ़ गई। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश में अगले दो दिन मौसम शुष्क रहने के आसार हैं। मैदानी क्षेत्रों में उथला कोहरा छाया रह सकता है। तापमान में मामूली गिरावट की आशंका है।
बीते सोमवार को मसूरी व आसपास घने बादल छाये रहे और शाम ढलते ही शीत भरी हवाएं चलने लगीं। देर रात अचानक घने बादलों ने डेरा डाला और मसूरी में हल्की वर्षा हुई। साथ ही समीपवर्ती नागटिब्बा की पहाड़ी पर इस सीजन का पहला हिमपात हुआ। मसूरी से सुबह नागटिब्बा की पहाड़ी सफेद चादर ओढ़े नजर आई। हालांकि, चटख धूप खिलने से दोपहर बाद तक बर्फ पिघल गई।
वर्षा-हिमपात के कारण मसूरी में न्यूनतम तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है। टिहरी जिले के जौनपुर विकासखंड की सिलवाड़ व दशजुला पट्टियों के मध्य नागटिब्बा पहाड़ी करीब 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। नागटिब्बा पहुंचने के लिए मसूरी के पास पंतवाड़ी गांव से लगभग छह किमी का पैदल ट्रेक है।