मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने हाल ही में लंदन, दुबई, अबू धाबी के दौरे के दौरान उन्होंने देखा कि हमारे भारतीय और विशेष रूप से उत्तराखंडी लोग आज भी अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता को नहीं भूले हैं। वे लोग विदेशी जमीन पर रहकर भी भारतीय संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। लंदन और दुबई में उत्तराखंडी भाई-बहनों से मिलकर एक पल के लिए लगा कि वे उत्तराखंड में ही हैं। ऐसा ही अनुभव उन्हें लखनऊ आकर भी हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में अपनी संस्कृति एवं परंपराओं को सहेजना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि अपनी माटी, अपनी संस्कृति और अपनी परंपरा से कटा व्यक्ति त्रिशंकु की भांति न इधर का रहता है और न ऊधर का। इसलिए यदि हमें आगे बढ़ना है तो अपनी परंपराओं और संस्कृति से जुड़े रहना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड की डबल इंजन की सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास को सार्थक करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार ने उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प की पूर्ति हेतु हमारी सरकार ने हर क्षेत्र में विकास कार्यों की एक नई श्रृंखला स्थापित करने का कार्य किया है। प्रधानमंत्री जी से प्रेरणा पाकर और उनके ही मार्गदर्शन में, उत्तराखंड में विकास के एक नए युग का सूत्रपात हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने उत्तराखंड में सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए लगभग 33 सौ एकड़ सरकारी जमीन मुक्त करवाई है। इसके साथ-साथ जहां एक ओर हम ’’धर्मांतरण और लव जेहाद’’ के खिलाफ कठोर कानून लेकर आए वहीं हम ’’समान नागरिक संहिता’’ भी प्रदेश में जल्द ही लागू करने की तैयारी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार समाज के अंतिम छोर में रहने वाले हर व्यक्ति के हित में कार्य कर रही है। यह हमारा ’’विकल्प रहित संकल्प’’ भी है। उन्होंने इस अवसर पर सभी से अपील भी की कि आप जहां भी जाएं, जहां भी रहें, अपनी लोक संस्कृति का प्रचार-प्रसार अवश्य करें और देवभूमि की महानता के बारें में लोगों को अवगत कराएं, क्योंकि आप सभी उत्तराखंड के ’’ब्रांड एंबेसडर’’ हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ में उन्होंने अपना छात्र जीवन गुजारा है, जब भी वे लखनऊ आते है तो ऐसा लगता है कि अपने ही शहर में दोबारा आए हैं। उन्होंने इस अवसर पर उत्तराखंड महापरिषद (पूर्व कुमाऊँ परिषद) के संस्थापक अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री रहे भारत रत्न प. गोविन्द बल्लभ पंत, स्व. दयाकृष्ण जोशी, स्व. श्री मेजर हयात सिंह, स्व. श्री नारायण दत्त तिवारी को भी नमन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्री पूरन सिंह जीना की पुस्तक सतरंगी का विमोचन करते हुए श्री चन्दन सिंह मेहरा एवं श्री सत्यप्रकाश जोशी को उत्तराखण्ड महापरिषद के हीरक जयंती सम्मान से सम्मानित किया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री श्री ब्रिजेश सिंह, महापौर लखनऊ श्रीमती सुषमा खर्कवाल, उत्तराखंड महापरिषद के पदाधिकारी श्री दीवान सिंह अधिकारी, श्री देवेन्द्र सिंह बिष्ट सहित बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड के प्रवासी जन उपस्थित थे।