नई दिल्ली: खालिस्तानी आतंकियों के प्रति कनाडा का झुकाव कोई नई बात नहीं है. भारत भी समय-समय पर कनाडा सरकार को उनके खालिस्तान प्रेम के प्रति आगाह करता रहा है लेकिन इसके बावजूद भी उसके बरताव में कोई परिवर्तन नहीं दिख रहा है.
ताजा उदाहरण है खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला (Arsh Dalla) को जमानत देने का. खबर आ रही है कि कनाडा की एक अदालत ने पिछले दिनों गिरफ्तार किए गए खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला को 30 हजार डॉलर के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है.
आपको बता दें कि अब इस मामले में अगली सुनवाई 24 फरवरी 2025 को होगी . खालिस्तान टाइगर फोर्स की कमान संभाल रहे अर्श डल्ला को कुछ समय पहले ही कनाडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस के उसके पास से कई हाईटेक हथियार भी मिले थे. सूत्रों के अनुसार अर्श डल्ला पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के सीधे संपर्क में रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, कनाडा में 28 अक्टूबर की रात खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला को गोली लगी थी. अर्श डल्ला अपने साथी गुरजंत सिंह के साथ कार में सवार होकर हॉल्टन इलाके से गुजर रहा था. इसी दौरान कार में रखे हथियार से एक्सिडेंटल फायर हो गया था. गोली डल्ला के दाहिने हाथ में लगी थी. जिसके बाद डल्ला और गुरजंत सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. फिर उसे अरेस्ट किया गया.
डल्ला ने तब पुलिस को खुद पर हुए हमले की एक फर्जी कहानी बताई थी. पुलिस ने जांच में कई खुलासे किए हैं.सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कनाडा की पुलिस ने अर्श डल्ला की कार की तलाशी ली थी. फिर रूट भी चेक किया गया था.
कनाडा की पुलिस को पता चला कि अर्श डल्ला की कार रास्ते में एक घर के बाहर कुछ देर रुकी थी. उस घर के गैराज से पुलिस को कई प्रतिबंधित हथियार और कारतूस मिले हैं. जांच में पता चला कि ये सभी हथियार अर्श डल्ला के ही हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार ने कनाडा में गिरफ्तार किए गए खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला के प्रत्यर्पण की मांग करने की योजना बना रहा था. कुछ दिन पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने मीडिया ब्रीफिंग में इसकी जानकारी दी थी.
खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर (Hardeep Singh Nijjar)की हत्या के बाद अर्श डल्ला ही आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) को लीड कर रहा है.डल्ला ने निज्जर के साथ मिलकर अपने स्लीपर सेल नेटवर्क के जरिए पंजाब में टारगेट किलिंग, टेरर फंडिंग के लिए जबरन वसूली जैसे कई अपराधों को अंजाम दिया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि हमने खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला की कनाडा में गिरफ्तारी की रिपोर्ट देखी है. कनाडाई प्रिंट और विज़ुअल मीडिया ने गिरफ्तारी पर डिटेल रिपोर्ट दी है. हम समझते हैं कि ओंटारियो कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए लिस्ट में शामिल भी कर लिया है.
अर्श डल्ला का पूरा नाम अर्शदीप डल्ला है. वह मूल रूप से पंजाब के मोगा का रहने वाला है. दोस्तों के साथ हुए एक झगड़े के बाद उसपर पहली FIR दर्ज हुई थी. बाद में परिवार ने स्टडी वीजा पर उसे कनाडा भेज दिया था. वहां गैंगस्टर सुक्खा लम्मा से हुए विवाद के बाद वह पंजाब लौट आया. फिर खुद अपने साथियों के साथ मिलकर लम्मा की हत्या कर दी. इसके बाद फिर कनाडा भाग गया.
अर्श डल्ला कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के गुर्गों का करीबी भी बताया जाता है. जब लम्मा की हत्या के बाद वह फिर से विदेश भागने की फिराक में था, उस समय निज्जर के गुर्गों ने उसकी मदद की थी.