देहरादून। परिचित को यूएसए भेजने के नाम पर हुई 18 लाख रुपये की धोखाधड़ी की रकम वसूलने देहरादून पहुंचे करनाल, हरियाणा के चार युवकों ने देहरादून-मसूरी मार्ग पर डीआइटी विवि के पास दून निवासी युवक का कार में अपहरण कर लिया। स्थानीय जन की सूचना पर पुलिस कंट्रोल रूम ने शहर में सभी थाना पुलिस को अलर्ट कर दिया।
एसएसपी अजय सिंह के निर्देश पर शहर में नाकेबंदी कर वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी गई और 15 मिनट के भीतर ही पुलिस ने आरोपितों की कार राजपुर रोड पर यूकेलिप्टिस मोड़ पर पकड़ ली। चारों अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, अपहृत युवक के कब्जे से अवैध पिस्टल मिलने के कारण पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कर लिया है।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि शुक्रवार शाम पुलिस कंट्रोल रूम को अपहरण की सूचना मिली। इस पर राजपुर थानाध्यक्ष पीडी भट्ट के निर्देशन में पुलिस टीम तत्काल अपहरणकर्ताओं की कार के पीछे लग गई व शहर में सभी जगह नाकेबंदी कर दी गई।
सूचना मिली थी कि देहरादून-मसूरी मार्ग पर डीआइटी विवि के पास हरियाणा नंबर की कार में सवार कुछ युवकों ने सड़क पर खड़े युवक से मारपीट की और उसे कार में जबरन डालकर ले गए। पुलिस की एक टीम ने तत्काल घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरों से फुटेज जांची। इसी बीच यूकेलिप्टिस मोड़ पर आरोपितों को दबोच लिया गया।
एसएसपी ने बताया कि कार में पांच युवक सवार मिले। जिनमें पिछली सीट पर बीच में बैठे एक युवक ने अपना नाम दुर्गेश कुमार निवासी-ग्राम संगरोली थाना डांड जिला-कैथल (हरियाणा) बताया। उसने बताया कि वह वर्तमान में देहरादून के मसूरी मार्ग पर आर्केडिया हिल लाक्स में रहता है।
दुर्गेश ने कार सवार चार अन्य युवकों पर लेनदेन के विवाद में उसका अपहरण करने का आरोप लगाया। पुलिस ने उक्त चारों युवकों को गिरफ्तार कर लिया। चारों आरोपित करनाल, हरियाणा के रहने वाले हैं और अपहृत दुर्गेश के परिचित बताए गए। पुलिस ने सभी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया।
एसएसपी ने आरोपितों के नाम करनाल के ग्राम-पोपडा थाना असंध निवासी संदीप कुमार, ग्राम-सांभली थाना-निगदु निवासी राहुल और जसवीर जबकि चौथे आरोपित का नाम ग्राम-उपनाला थाना असंध निवासी कुलदीप बताया।
जांच में पता चला कि दुर्गेश ने आरोपित संदीप कुमार के भाई को यूएसए भेजने के नाम पर 18 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी। यही रकम वापस लेने के लिए आरोपित देहरादून पहुंचे थे। यहां दुर्गेश ने उन्हें पिस्टल दिखाते हुए धमकाने का प्रयास किया तो वह उसे जबरन कार में डालकर साथ ले गए। पुलिस को दुर्गेश के कब्जे से अवैध पिस्टल मिली। जिस आधार पर उसके विरुद्ध भी मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस की जांच में पता चला कि दुर्गेश ने वर्ष 2018 में संदीप के भाई को यूएसए भेजने के नाम पर 21 लाख रुपये लिए थे। इसमें 18 लाख रुपये सिक्योरिटी जमा होने, जबकि, तीन लाख रुपये एजेंट की कमीशन होना बताया गया। दुर्गेश ने बताया कि सिक्योरिटी की 18 लाख रुपये की रकम बाद में वापस मिल जाएगी।
पुलिस के अनुसार, जब वर्ष 2019 में संदीप के भाई को यूएसए में पीआर (ग्रीन कार्ड) मिल गया तो 18 लाख रुपये दुर्गेश को वापस मिल गए, लेकिन उसने यह धनराशि संदीप को वापस नहीं की। दुर्गेश बार-बार टाल-मटोल करता रहा और बाद में गायब हो गया। संदीप उसकी काफी समय से तलाश कर रहा था।