नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद देश में चल रही ‘भगवा लहर’ से उत्साहित और नई ऊर्जा से लैस हैं. न सिर्फ ‘तीसरी बार मोदी सरकार’ के लिए, बल्कि पहले से कहीं बड़ा और रिकॉर्ड मेंडेट देने के लिए पार्टी के शीर्ष नेताओं ने अभियान रणनीति और जनता तक पहुंचने के लिए शहरी और ग्रामीण केंद्रों पर कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शुरू की है. साथ ही डिजिटल मीडिया के जरिये जनरेशन जेड को लुभाने की कोशिश की जा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक चुनावी रैली में कहा था कि भाजपा अपने दम पर 370 से अधिक सीटें हासिल करेगी, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) 400 सीटों का आंकड़ा पार कर जाएगा. सबसे विश्वसनीय सर्वे एजेंसियों में से एक एक्सिस माई इंडिया ने अपना ‘विश्लेषण और अंकगणित’ जारी किया है कि भगवा पार्टी आगामी संसदीय चुनावों में 370 सीटों के सपने को कैसे साकार कर सकती है.
एक्सिस माई इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रदीप गुप्ता ने फोन पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि पार्टी के नए सहयोगियों के समर्थन और 2024 में 2019 के चुनावों के समान प्रदर्शन को देखते हुए भाजपा की अनुमानित संख्या हकीकत में बदल सकती है.
उन्होंने कहा कि बिहार और महाराष्ट्र में एनडीए मजबूत हुआ है. नीतीश कुमार ने भाजपा का दामन थाम लिया है और शिवसेना तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विद्रोही गुट भी हाथ मिला रहे हैं. यह वास्तव में एनडीए के लिए एक फायदेमंद है, लेकिन उसे 2019 के चुनावों की स्ट्राइक रेट को दोहराने की जरूरत है. एक्सिस माई इंडिया की पोल संख्या गणना के मुताबिक भाजपा को 2019 से भी बड़ी जीत दर्ज करने के लिए तीन कारकों की जरूरत होगी.
भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का स्ट्राइक रेट 2019 के लोकसभा चुनाव में 94 प्रतिशत था और उसने हिंदी बेल्ट में क्लीन स्वीप किया. बिहार, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान और झारखंड जैसे कई राज्यों में उसने कुल लोकसभा सीटों में से 94 प्रतिशत से अधिक जीतीं. इस तरह कुल 210 सीटों में से 198 सीटें उसकी झोली में आईं. इस बार भी पार्टी को वही 94 फीसदी स्ट्राइक रेट बरकरार रखना होगा, बल्कि इसे और बढ़ाना होगा.
भाजपा ने उत्तरी क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वियों को ध्वस्त कर दिया लेकिन दक्षिणी राज्यों में उसका प्रदर्शन असंतोषजनक रहा. उत्तर प्रदेश में भी पार्टी 80 में से 16 सीटें हार गई. इस बार, उसे इन अंतरों को पाटना होगा और देश के सबसे बड़े राज्य से और भी अधिक हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखना होगा. इन 285 सीटों में से पार्टी ने 40 फीसदी के स्ट्राइक रेट से 114 सीटें हासिल कीं. पार्टी को इस बार स्ट्राइक रेट 57 फीसदी तक बढ़ाना होगा यानी 285 में से 161 सीटों पर जीत दर्ज करनी होगी.
महाराष्ट्र भाजपा के लिए महत्वपूर्ण राज्यों में से एक बना हुआ है. उसने 2019 के चुनावों में 23 सीटें जीतीं, जबकि उसकी प्रमुख सहयोगी शिवसेना को 18 सीटें मिलीं. दोनों ने 48 में से 41 सीटों पर कब्जा किया, जिसके परिणामस्वरूप स्ट्राइक रेट 85 प्रतिशत रहा. शिवसेना और एनसीपी में विभाजन के बाद भाजपा को न केवल अपनी 23 सीटें बरकरार रखने की उम्मीद होगी, बल्कि 18 सीटों पर जीत की भी उम्मीद होगी.