वॉशिंगटन: धरती रहने वाले अपने आपको तैयार कर लें। एक बड़ा सौर तूफान धरती की तरफ बढ़ रहा है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने सौर तूफान की धरती से टक्कर को लेकर चेतावनी जारी की है। इस टक्कर का इलेक्ट्रॉनिक संचार उपकरणों पर असर हो सकता है।
नासा ने बताया है पृथ्वी वर्तमान सौर चक्र की सबसे शक्तिशाली सौर ज्वाला के बाद कोरोनल मास इजेक्शन (CME) से टकराव की तैयारी कर रही है। सौर चक्र आम तौर पर लगभग 11 वर्षों तक चलते हैं। नासा के अनुसार, पृथ्वी ने 2017 के बाद से X9 क्लास की सौर ज्वाला नहीं देखी है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, सूर्य के 11 वर्षीय वर्तमान सौर चक्र का चरम साल 2025 में अपेक्षित है। इसके चलते सौर ज्वालाएं, सन स्पॉट और सीएमई में लगातार वृद्धि हो रही है। हाल ही में सनस्पॉट AR3842 ने 3 अक्टूबर को सौर चक्र 25 की सबसे शक्तिशाली सौर ज्वाला पैदा की, जिसे X9.1 ज्वाला के रूप में वर्गीकृत किया गया।
इस सौर ज्वाला से हुआ विकिरण विस्फोट इतना तेज था कि इसने अफ्रीका और दक्षिण अटलांटिक पर रेडियो संकेतों को कुछ समय के लिए बंद कर दिया। करीब 30 मिनट तक रेडियो सिग्नल प्रभावित हुए। इसके साथ ही दो विशाल सीएमई भी रिलीज हुए।
पहला सीएमई 4 अक्टूबर को टकराया लेकिन रविवार 6 अक्टूबर को इसका असली असर होगा, जब एक मजबूत सीएमई G3 श्रेणी के भू-चुंबकीय तूफानों को ट्रिगर कर सकता है। इससे मध्य अक्षांशों पर एक सुंदर ऑरोरा (आसमान में चमकीली रोशनी) नजर आ सकती है।
सूर्य का हालिया गतिविधि में असामान्य रूप से सक्रियता देखी जा रही है। इसने साल 2024 में 41 एक्स क्लास फ्लेयर्स रिलीज किए हैं, जो पिछले में आए कुल फ्लेयर्स से अधिक है। विशेषज्ञ संकेत देते हैं कि हम अनुमान से पहले ही सोलर मैक्सिमम फेस में प्रवेश कर चुके हैं। इसकी बढ़ी हुई गतिविधि के 2025 तक जारी रहने की उम्मीद है।
आने वाला सौर तूफान दूरसंचार और उपग्रहों को बाधित कर सकता है। भारतीय वैज्ञानिक इसकी निगरानी कर रहे हैं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के विशेषज्ञों ने भारतीय उपग्रह संचालकों को एहतियात बरतने के लिए सूचित कर दिया है। अगले कुछ दिन पृथ्वी के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके पहले मई में शक्तिशाली सौर तूफान धरती से टकराया था। तब उत्तरी गोलार्द्ध में ऑरोरा नजर आई थी।