नई दिल्ली: देश के कई हिस्सों में भले ही मार्च-अप्रैल से ही सूरज की तपिश महसूस की जा रही हो, पर मानसून के मौसम में झमाझम बारिश के आसार हैं। इस साल लगभग पूरे देश में बादल जमकर बरसेंगे और मानसून सामान्य रहेगा।मौसम का पूर्वानुमान बताने वाली निजी क्षेत्र की कंपनी स्काईमेट ने मंगलवार को बताया कि इस साल जून से सितंबर तक चार महीने के मानसून सीजन में दीर्घकालिक औसत (एलपीए) का 102 फीसदी यानी 868.6 मिमी बारिश होगी, जो सामान्य की श्रेणी में है।
स्काईमेट के मुताबिक, इन चार महीनों के दौरान देश के मध्य और पश्चिमी भाग में सामान्य से अधिक वर्षा होने का अनुमान है। उत्तरी और दक्षिणी हिस्से में सामान्य बारिश होगी। ‘मानसून पूर्वानुमान 2024’ रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के दक्षिण, पश्चिम और उत्तर पश्चिम क्षेत्रों में अनुकूल वर्षा दर्ज की जाएगी। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे मुख्य मानसून वर्षा आधारित क्षेत्रों में भी पर्याप्त बारिश होने की उम्मीद है।
स्काईमेट के मुताबिक, मानसून के चरम महीने में बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे पूर्वी भारत के राज्यों में कम बारिश होने की आशंका है। पूर्वोत्तर भारत में सीजन की पहली छमाही में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। लेकिन केरल, कोंकण, कर्नाटक और गोवा में सामान्य से अधिक और मध्य हिस्से में सामान्य बारिश होने का अनुमान है।
स्काईमेट के प्रबंध निदेशक जतिन सिंह ने बताया कि सुपर अल नीनो से मजबूत ला नीना तक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक बदलाव से मानसून की स्थिति बेहतर हुई है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अल नीनो जाते-जाते मानसून सीजन के प्रारंभिक चरण को प्रभावित कर सकता है।इस दौरान कुछ कम बारिश हो सकती है, पर इसकी भरपाई सीजन के दूसरे भाग में झमाझम बरसात से हो जाएगी। भारत में अल नीनो के प्रभाव से कम बारिश होती है और ला नीना के प्रभाव से अधिक।
स्काईमेट की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर में सबसे अधिक बारिश होने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मासिक पैमाने पर जून में एलपीए का 95 प्रतिशत, जुलाई में 105 प्रतिशत, अगस्त में 98 प्रतिशत और सितंबर में 110 प्रतिशत बरसात होने का अनुमान है। बदलती जलवायु परिस्थितियों से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद रिपोर्ट में सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की गई है।