जिला चिकित्सालय एवं माधवाश्रम चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो।
बिना जिलाधिकारी की स्वीकृति के कोई भी बिल आहरण न किया जाए।
चिकित्सालय में आवश्यक सामग्री एवं व्यवस्थाओं के लिए सीएमएस को 1 लाख तक की धनराशि व्यय करने की संस्तुति की गई।
रुद्रप्रयाग: जनपद के जिला चिकित्सालय एवं माधवाश्रम चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को बेहतर से बेहतर चिकित्सा उपलब्ध हो इसके लिए जिलाधिकारी डाॅ. सौरभ गहरवार की अध्यक्षता में जिला कार्यालय कक्ष में जिला चिकित्सालय संचालन मंडल समिति की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्रीय विधायक श्री भरत सिंह चैधरी ने भी प्रतिभाग किया।
बैठक की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने चिकित्सालय में उपलब्ध उपकरण एवं संसाधनों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि दोनों ही चिकित्सालयों में आने वाले मरीजों को उचित चिकित्सा उपलब्ध हो इसके लिए जो भी उपकरण एवं सामग्री की आवश्यकता है.
उसके लिए पत्रावली प्रस्तुत करते हुए व्यय होने वाली धनराशि का अनुमोदन अनिवार्य रूप से लिया जाए। जिससे कि संबंधित सामग्री एवं उपकरणों के लिए नियमानुसार धनराशि उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने चिकित्सालय में कनिष्ठ लिपिक एवं वार्ड बाॅय के पदों पर तैनाती करने के लिए उपनल एवं आउटसोर्स के माध्यम से नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि जिला चिकित्सालय में कार्यरत डाॅक्टरों एवं कार्मिकों के सभी के नेम प्लेट एवं आई कार्ड निर्गत करने के निर्देश दिए। उन्होंने चिकित्सालय में उपचार हेतु आने वाले आयुष्मान कार्ड धारकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो तथा किसी भी डाॅक्टर एवं स्टाफ द्वारा उन्हें किसी भी तरह से भ्रमित न किया जाए।
ऐसा करने वाले डाॅक्टरों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध उनकी शिकायत करने के लिए चिकित्सालय में नोटिस बोर्ड लगाने के निर्देश दिए जिसमें सीएमएस का नंबर एवं जिला चिकित्सालय का नंबर अंकित करने के निर्देश दिए ताकि कोई भी व्यक्ति इन नंबरों पर शिकायत कर सकता है।
इसके साथ ही उन्होंने प्रत्येक सप्ताह आयुष्मान कार्ड धारकों के किए गए उपचार एवं रैफर किए गए व्यक्तियों के संबंध में पूर्ण विवरण सहित सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही चिकित्सालय में डाॅक्टरों द्वारा किए जा रहे उपचार जिसमें अल्ट्रासाउंट, डायलेसिस, आर्थो, सर्जरी, एक्सरे, पैथोलाॅजी आदि सभी विभागों का प्रतिदिन डाटा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को भी निर्देश दिए हैं कि बैठक में जिन प्रस्तावों पर समिति की संस्तुति की गई है उस पर अलग से प्रस्ताववार पत्रावली प्रस्तुत के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य कोषाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि बिना उनकी संस्तुति के कोई भी बिल का आहरण न किया जाए।
जिला चिकित्सालय में मरीजों को आवश्यक सामग्री एवं व्यवस्थाओं के लिए कार्यालय व्यय में 1 लाख की धनराशि को व्यय करने की संस्तुति मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को की गई जिसका उन्हें धनराशि व्यय करने के बाद किस कार्य हेतु धनराशि का उपयोग किया गया है उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना होगा।
बैठक में विधायक श्री भरत सिंह चैधरी ने कहा कि जिला चिकित्सालय में आने वाले मरीजों के साथ किसी भी तरह से कोई भेदभाव न हो तथा सभी आम जनमानस को उचित चिकित्सा सुविधा मुहैया हो इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि गरीब व्यक्तियों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी एवं असुविधा न हो। बैठक में समिति द्वारा जिला चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विभिन्न प्रस्तावों पर संस्तुति दी गई।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एचसीएस मार्तोलिया, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. राजीव सिंह पाल, कोषाधिकारी प्रेमचंद्र पांडेय, सांसद प्रतिनिधि अजय सेमवाल, महंत शिवानंद गिरि महाराज सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।