रुद्रप्रयाग:चोराबाड़ी से करीब चार किमी ऊपर हिमालय की पर्वत शृंखलाओं में हिमस्खलन (ग्लेशियर टूटा) हुआ है। इस दौरान बर्फ का गुबार उठा और कुछ देर बाद गहरी खाई में समा गया। भू-वैज्ञानिकों ने इस घटना को हिमालय क्षेत्र में होने वाली सामान्य प्रक्रिया बताया है। बीते वर्ष भी मई व जून माह में हिमालय क्षेत्र में हिमस्खलन की कई घटनाएं हुईं थीं।
शनिवार दोपहर तीन बजे केदारनाथ से चार किमी दूर स्थित चोराबाड़ी ग्लेशियर से करीब तीन से चार किमी ऊपर हिमालय क्षेत्र में हिमस्खलन की घटना हुई। ग्लेशियर टूटने के बाद ऊपरी तरफ उठा सफेद बर्फ का गुबार नीचे की तरफ बढ़ा और कुछ देर बाद कुछ गहरी खाई में समा गया।
केदारनाथ में मौजूद तीर्थपुरोहित पंडित आनंद शुक्ला ने बताया कि मंदिर क्षेत्र में मौजूद कई यात्रियों ने इस प्राकृतिक दृश्य को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद किया।उन्होंने बताया कि इस घटना से पहले केदारनाथ क्षेत्र में हल्की बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई थी।
बता दें कि बीते वर्ष मई व जून में चोराबाड़ी से लगे कंपेनियन ग्लेशियर क्षेत्र में पांच बार हिमस्खलन हुआ था। इससे पूर्व वर्ष 2022 में भी सितंबर व अक्तूबर में क्षेत्र में हिमस्खलन हुआ था। तब, भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान और वाडिया संस्थान के वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र का स्थलीय व हवाई सर्वेक्षण कर पूरी स्थिति का जायजा लिया था।
जून में तापमान बढ़ने पर ग्लेशियर में बर्फ पिघलने से पानी जमा होता है, जिससे हिमस्खलन की घटना होती है। शीतकाल में नाममात्र की बर्फबारी और इस वर्ष भी मौसम की बेरुखी से केदारनाथ क्षेत्र में दिन में तापमान 16 से 18 डिग्री तक पहुंच रहा है, जिससे यह घटनाएं सामान्य हैं। लेकिन निगरानी की जरूरत है।
– डाॅ. मनीष मेहता, वरिष्ठ वैज्ञानिक वाडिया संस्थान, देहरादून