अमेरिका ने भारत से खेला डबल गेम

वॉशिंगटन: कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में सीधे तौर पर भारत पर आरोप लगाया था। इस बीच कनाडा की मीडिया में एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया कि पांच देशों वाले फाइव आईज संगठन के एक सदस्य ने खुफिया जानकारी दी।

अब यह साफ हो गया है कि ऐसा करने वाला अमेरिका है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में इसे लेकर जानकारी दी है। इसके साथ ही कहा कि हत्याकांड में कथित तौर पर भारत का हाथ होने से जुड़ा ज्यादातर सबूत कनाडा ने इकट्ठा किया।

कनाडा के आरोपों को भारत सरकार ने सीधे तौर पर खारिज किया है। रिपोर्ट में कहा गया कि हत्या के बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने अपने कनाडाई समकक्षों को इससे जुड़ी जानकारी दी थी। भारतीय राजनयिकों की बातचीत से जुड़ी खुफिया जानकारी कनाडा ने इकट्ठा की थी।

अमेरिका ने किस तरह की जानकारी दी इसका खुलासा नहीं हुआ है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शनिवार को भारत से इस जांच में सहयोग करने को कहा। अमेरिका किसी भी तरह भारत से राजनयिक विवाद करने से बचे हैं।

खुफिया जानकारी देने का खुलासा कनाडा और भारत के बीच चल रही कूटनीतिक लड़ाई में अब अमेरिका के फंसने का खतरा है। वह भी तब जब अमेरिका भारत को एक करीबी साझेदार बना रहा है। रिपोर्ट में लिखा गया कि इससे जुड़े अधिकारी ने कहा कि अमेरिका को इस साजिश से जुड़े सबूतों के बारे में तब तक पता नहीं चला, जब तक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या नहीं कर दी गई। हरदीप सिंह निज्जर खालिस्तान समर्थक था, जो भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी था। 18 जून को वैनकूवर में इसकी गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।

रिपोर्ट के मुताबिक निज्जर की मौत के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने अपने कनाडाई समकक्षों को बताया कि उनके पास इसे लेकर पहले से कोई जानकारी नहीं थी। अगर होती तो तुरंत कनाडा को सूचित किया जाता। अमेरिका नियमित और ऑटोमैटिक तरीके से कनाडा समेत अपने करीबी देशों के साथ संचार साझा करता है।

लेकिन हत्या से जुड़ी जानकारी को एकदम अलग तरीके से जानबूझकर दिया गया। वाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने इस मामले पर टिप्पणी से इनकार कर दिया। क्योंकि वह करीबी सहयोगी कनाडा की मदद करना चाहते हैं, लेकिन भारत को अलग भी नहीं करना चाहते। क्योंकि भारत के जरिए अमेरिका एशिया में संतुलन बना पा रहा है।

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