देहरादून। उत्तराखंड में 30 अप्रैल से प्रारंभ होने वाली चारधाम यात्रा के सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित संचालन के लिए तंत्र ने कमर कसी है। इस क्रम में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने शनिवार को सचिवालय में बुलाई गई बैठक में यात्रा की तैयारियों को परखा।
उन्होंने चारधाम यात्रा मार्गों के लिए नामित सचिवों से फीडबैक लिया और फिर संबंधित जिलों के डीएम को निर्देश दिए कि यात्रा से पहले सभी मार्गों को दुरुस्त कराया जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को सचिवों से प्राप्त सुझावों का अनुपालन करने और यात्रा मार्गों पर सभी जरूरतों का अभी से आकलन कर व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही कार्यदायी संस्थाओं को समय पर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि यात्रा के दौरान किसी प्रकार के संकट प्रबंधन के लिए गढ़वाल मंडलायुक्त नोडल अधिकारी होंगे।
मुख्य सचिव ने यात्रा मार्गों पर स्थानीय परिस्थितियों और वैकल्पिक मार्गों के अनुरूप यातायात प्रबंधन की योजना तैयार करने पर बल दिया। उन्होंने यात्रा मार्गों पर ऐसा मैकेनिज्म विकसित करने पर भी जोर दिया, जिससे दुर्घटना अथवा भूस्खलन या फिर किसी अन्य वजह से लगने वाले जाम की जानकारी यात्रियों को मिल सके।
इसके लिए उन्होंने जगह-जगह डिस्पले बोर्ड लगाने और जब तक यह व्यवस्था धरातल पर उतरती है, तब तक एसएमएस व वाटसएप मैसेज से यह जानकारी उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने वाहन पार्किंग के लिए मल्टी लेवल पार्किंग की जरूरत भी बताई और ज्यादा से ज्यादा ऐसे स्थल चिह्नित करने को कहा। उन्होंने भूस्खलन संभावित क्षेत्रों का उपचार शीघ्रता से कराने के निर्देश भी दिए।
चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सुविधा पर मुख्य सचिव ने विशेष जोर दिया। उन्होंने केदारनाथ में निर्माणाधीन अस्पताल को यात्रा से पहले सुचारू करने के लिए कहा। साथ ही यात्रा मार्गों के पंजीकरण स्थलों हरिद्वार, ऋषिकेश व विकासनगर में स्वास्थ्य जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाने के लिए निर्देशित किया।
मुख्य सचिव ने चारों धामों में दुकानदार, घोडा-खच्चर व कंडी संचालकों समेत सभी प्रकार के सेवा प्रदाताओं के आरएफआइडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) टैग बनाने के निर्देश भी दिए। साथ ही यात्रा मार्गों पर साफ-सफाई, पानी व शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित करने, स्वच्छता के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व 15वें वित्त आयेाग से प्राप्त अनुदान से धनराशि उपलब्ध कराने, धामों में श्रद्धालुओं के लिए टेंट आदि की सुव्यवस्थित ढंग से व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बैठक में विभिन्न विभागों के सचिव उपस्थित रहे, जबकि यात्रा मार्गों से संबंधित जिलाधिकारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जुड़े।