नैनीताल :नैनीताल जिले में वन की बेकाबू आग की घटना के बाद अब नैनीताल प्रशासन एक्टिव हुआ है. दमकल विभाग के साथ ही वन विभाग भी आग बुझाने की तमाम कोशिशें कर रहा है. अब आग बुझाने के लिए भारतीय वायु सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है. नैनीताल के आस पास जंगलों में फैली आग पर काबू पाने के लिये अब हेलीकॉप्टर का सहारा लिया गया है.
नैनीताल में पिछले 15 दिनों से धधक रहे जंगलों में आज सुबह से ही लगातार हेलीकॉप्टर से आग बुझाने का काम जारी है. कल से नैनीताल की जंगलों की आग विकराल रूप ले चुकी है. जिसमें ओखलकांड़ा, बेतालघाट, कैंची, बजून, मंगोली, बगड़ के आस-पास आग लगी है. हालात यह हैं कि अब आग आबादी वाले इलाके में पहुंचने लगी है. जिसके चलते लोगों पर मुसीबत बन आई है.
आग का तांड़व इस कदर है कि रोजाना सैंकड़ों हेक्टेयर वन जल रहे हैं. जिससे पक्षी, जंगली जानवरों पर सीधा असर पड़ा है. वहीं आग के चलते पर्यटकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हाईवे में आग की लपटों से नैनीताल पाइंस के पास कई वाहन बाल-बाल बचे तो आग वाले इलाकों में आने जाने से रोका जा रहा है.
शुक्रवार सुबह 7 बजे पहले हेलीकॉप्टर से एयरफोर्स के जवानों ने नैनीताल के जंगलों की रैकी की है. जिसके बाद लगातार भीमताल झील से पानी निकालकर इन जंगलों में छिड़काव किया जा रहा है. हेलीकॉप्टर से आग बुझाने का भी असर कम ही दिखाई दे रहा है. वहीं प्रशासन के आगे चुनौती है कि कैसे आग पर काबू किया जाए.
नैनीताल जिले में धधकती आग के बाद सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि वन कर्मी कहां हैं. आग वाले स्थानों पर पुलिस फायर ब्रिगेड़ कर्मचारी आग पर काबू पाने के लिये जद्दोजहद कर रहे हैं, तो वहीं वन कर्मियों की कमी भी दिखाई दे रही है. नैनीताल शहर के पास ही लगी आग के बाद भी ना तो नैनीताल के डीएफओ दिखाई दिये ना ही रेंजर समेत अन्य कर्मचारी.
स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि फायर वॉचर सिर्फ कागजों में हैं. सौड़ इलाके के बी एस बिष्ट ने बताया कि कई दिनों से आग से जंगल धधक रहे हैं, लेकिन फायर वॉचर से लेकर रेंजर तक गायब हैं कैसे आग पर काबू किया जाए. इसका सवाल बना हुआ है.
मामले में नैनीताल डीएम वंदना सिंह ने कहा कि आग ज्यादा है जिस पर काबू के लिये हेलीकॉप्टर लगाया गया है, वहीं वन विभाग को कहा गया है कि जल्द आग पर कंट्रोल करें. डीएम नैनीताल वंदना सिंह ने वन विभाग को कहा है कि अगर कोई भी आवश्यकता है तो तत्काल डिमांड़ भेजें ताकि वनों को आग से बचाया जा सके.