देहरादून: यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी यूसीसी के तहत विवाह और दूसरी सेवाओं के पंजीकरण को लेकर अब तक की प्रगति पर समीक्षा बैठक की गई. गृह सचिव शैलेश बगोली ने समीक्षा बैठक करते हुए ऐसे जिलाधिकारियों को पंजीकरण की समीक्षा करने के निर्देश दिए, जिन जिलों में सर्वाधिक पंजीकरण निरस्तीकरण के मामले सामने आ रहे हैं.
यूनिफॉर्म सिविल कोड के तहत विभिन्न सेवाओं के लिए किया जा रहे पंजीकरण की प्रगति को जानने के लिए गृह सचिव ने समीक्षा बैठक की. इस दौरान गृह सचिव शैलेश बगौली ने विभिन्न पंजीकरण के निरस्तीकरण को लेकर जिलाधिकारियों को समीक्षा करने के लिए कहा. खास तौर पर ऐसे जिलों को निर्देश जारी किए गए, जहां पंजीकरण निरस्तीकरण के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं.
प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड पोर्टल पर अब तक लगभग 94,000 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. इसमें से विवाह पंजीकरण के आवेदनों की संख्या 73,093 है. इसके अलावा पंजीकृत विवाह की स्वीकृति के लिए 19,956 आवेदन आए. 430 आवेदन वसीयतनामा और 136 आवेदन तलाक के लिए आए हैं.
इसी तरह 46 आवेदन लिव इन रिलेशनशिप और चार आवेदन बिना वसीयत उत्तराधिकार से जुड़े हैं. खास बात यह है कि इनमें से 89% आवेदनों को स्वीकृति दी जा चुकी है. लगभग 5% आवेदन निरस्त किए गए हैं. जनपदों के लिहाज से देखें तो औसतन 174 आवेदन हर दिन प्रति जनपद प्राप्त हो रहे हैं.
साल 2010 के बाद हुए विवाह के पंजीकरण में रुद्रप्रयाग 29%, उत्तरकाशी 23 प्रतिशत और चमोली ने 21% के साथ सबसे बेहतर काम किया है. खास बात यह भी है कि पूर्व में पंजीकृत विवाह की स्वीकृति के लिए वीडियो केवाईसी की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है.
उच्च सर्टिफिकेट (विभिन्न विषयों में व्यावहारिक कौशल) को डिजिलॉकर में भी उपलब्ध कराने के प्रयास हो रहे हैं. प्रदेश में 382 पंचायत ऐसी हैं, जहां से अभी तक कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है. ऐसे में यहां के लिए जागरूकता और प्रचार प्रसार बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं.
यूनिफॉर्म सिविल कोड की समीक्षा बैठक करते हुए गृह सचिव शैलेश बगौली ने दिशा निर्देश दिए कि जिलाधिकारी उच्च से संबंधित सेवाओं विशेष रूप से विवाह पंजीकरण के क्षेत्र में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए शिविरों का आयोजन करें. इसके अलावा सरकारी कर्मचारी को शत प्रतिशत विवाह पंजीकरण को लेकर सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए.