ट्रंप के टैरिफ से चीन में हड़कंप

नई दिल्लीः पहले 34, फिर 50 और 20 पर्सेंट पहले से ही टैरिफ था, कुल मिलाकर अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने चीन पर 104 प्रतिशत टैरिफ ठोककर एक प्रकार से ड्रैगन के खिलाफ आर्थिक युद्ध का ऐलान कर दिया. अमेरिका और चीन के बीच शुरू हुई इस इकोनॉमिक वॉर ने चाइनीज ने एक्‍सपोर्टर्स में दहशत फैला दी है. चाइनीज एक्‍सपोर्टर्स टैरिफ के खौफ से इतने डरे हैं कि बीच समंदर अपना माल छोड़कर भाग रहे हैं.

साउथ चाइना पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में लिस्टेड एक एक्सपोर्ट कंपनी के कर्मचारी ने कहा कि ट्रंप सरकार के नए टैरिफ के बाद उनकी अमेरिका को होने वाली डेली शिपमेंट 40-50 कंटेनर से गिरकर सिर्फ 3-6 कंटेनर रह गई है. अमेरिका ने चीन के सामान पर 104 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जिससे कुल टैरिफ 115 फीसदी तक पहुंच गया है. इन नए टैरिफ ने बीजिंग को गुस्सा दिलाया है और ग्लोबल मार्केट्स में हड़कंप मचा दिया है. डर है कि इससे ट्रेड वॉर छिड़ सकता है.

कंपनी के कर्मचारी ने बताया, “हमने फिलीपींस, वियतनाम, इंडोनेशिया और मलेशिया से सभी शिपिंग प्लान रोक दिए हैं. हर फैक्ट्री ऑर्डर रद्द हो गया है. जो माल अभी तक लोड नहीं हुआ, उसे स्क्रैप किया जा रहा है और जो समंदर में है, उसकी नई कीमत लगाई जा रही है.” एक क्लाइंट ने तो कंपनी को बताया कि वह समंदर में पहले से भेजे गए माल को छोड़ रहा है और शिपिंग कंपनी को दे रहा है, क्योंकि “टैरिफ लगने के बाद इसे कोई नहीं खरीदेगा.”

कर्मचारी ने कहा, “अब हर कंटेनर पर इतना नुकसान हो रहा है, जितना पहले 2 कंटेनर से मुनाफा होता था. ऐसे में यह काम कौन करेगा?” चीन के एक्सपोर्टर्स अब अमेरिका की जगह यूरोप और जापान की ओर रुख कर रहे हैं, ताकि ट्रेड वॉर के तूफान से बचा जा सके.

चीन दुनिया का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है और उसने पिछले साल अमेरिका को 439 अरब डॉलर का सामान भेजा, जबकि अमेरिका ने चीन को सिर्फ 144 अरब डॉलर का सामान एक्सपोर्ट किया. लेकिन अब अमेरिकी खरीदार भी महंगाई के डर से पीछे हट रहे हैं. कुछ मैन्युफैक्चरर्स का कहना है कि रोजाना 300 कंटेनर के ऑर्डर कैंसल हो रहे हैं.

नए टैरिफ और अनिश्चित बाजार के चलते एक्सपोर्टर्स अपने ऑपरेशन्स कम कर रहे हैं. कई फैक्ट्रियों में काम के घंटे घटाए जा रहे हैं और कर्मचारियों को कम शिफ्ट में काम करने को कहा जा रहा है. जिस कंपनी का कर्मचारी बात कर रहा था, उसके अमेरिकी ब्रांच ने फ्रंटलाइन वर्कर्स की छंटनी शुरू कर दी है, क्योंकि डिमांड बुरी तरह प्रभावित हुई है.

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