कारग‍िल वाला झूठ बलूच‍िस्‍तान में नहीं चला

पाक‍िस्‍तान :पाक‍िस्‍तान ट्रेन हाईजैकिंग में पाक‍िस्‍तानी सेना का झूठ पकड़ा गया. दो द‍िन पहले पाक‍िस्‍तानी सेना ने दावा क‍िया था क‍ि उसने सभी बंधक छुड़ा ल‍िए हैं. बलूच विद्रोहियों के साथ संघर्ष में 25 लोग मारे गए हैं, इनमें सिर्फ 4 अर्धसैन‍िक बलों के जवान हैं. जबक‍ि बाकी आम लोग हैं.

शुक्रवार को पाक‍िस्‍तानी मिल‍िटरी के प्रवक्‍ता ने ट्रेन हाईजैकिंग में मारे गए सेना के जवानों का ऐसा आंकड़ा बताया, जिससे उनका झूठ सबके सामने आ गया. कारग‍िल वॉर के समय भी पाक‍िस्‍तानी सेना ने झूठ बोला था और अपने जवानों के शव लेने से भी इनकार कर द‍िया था. लेकिन बलूच‍िस्‍तान में उनकी नहीं चली.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताब‍िक-सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने शुक्रवार को बताया कि देश के दक्षिण-पश्चिमी पहाड़ों में ट्रेन अपहरण की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है. अंतिम गणना में 18 सैनिक, तीन रेलवे कर्मचारी और पांच नागरिक शामिल हैं, जो विद्रोहियों द्वारा 24 घंटे से अधिक समय तक बंधक बनाए गए थे. इनकी मौत हो गई है. पाक‍िस्‍तानी जनरल ने झूठ पर पर्दा डालते हुए कहा क‍ि बचाव अभियान के दौरान पांच और सैनिकों की जान चली गई. जबक‍ि इससे पहले सिर्फ 4 सैनिकों के मारे जाने की बात आर्मी कर रही थी.

भारत पर आरोप मढ़ते हुए पाक‍िस्‍तानी जनरल ने फ‍िर कहा, पड़ोसी भारत और अफगानिस्तान ने इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों का समर्थन किया है. हमारे पास सबूत हैं कि पाकिस्तान में आतंकवाद के सभी लिंक अफगानिस्तान से जुड़े हैं. उन्होंने आरोप लगाया क‍ि भारत विद्रोहियों का मुख्‍य स्‍पांसर है. पाक‍िस्‍तान लंबे समय से झूठा आरोप लगाता रहा है क‍ि भारत और अफगान‍िस्‍तान बलूचिस्तान प्रांत में विद्रोहियों को पैसा, संसाधन, हथियार और प्रशिक्षण मुहैया करा रहे हैं.

भारत और अफगान‍िस्‍तान दोनों ने पहले ही इन आरोपों को खारिज कर दिया है. भारत ने साफ कहा क‍ि विद्रोह पाक‍िस्‍तान की आंतरिक समस्या है. इससे उसका कोई लेनादेना नहीं. जब वे बलूच विद्रोह‍ियों का मुकाबला नहीं कर सकते तो ध्‍यान भटकाने के ल‍िए भारत पर आरोप लगा रहे हैं. शुक्रवार सुबह ही विदेश मंत्रालय ने पाक‍िस्‍तान के दावों की हवा निकाल दी थी.

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