डोडोमा: आज भारत समेत दुनियाभर में छोटे परिवार तेजी से बढ़े हैं। वर्तमान पीढ़ी अब ज्यादा बच्चे पैदा करने से परहेज करने लगी है। कई देशों में यह चलन इतना तेजी से बढ़ा है कि जनसंख्या की गिरावट का खतरा मंडराने लगा है।
ऐसे समय में एक शख्स ऐसा भी है, जिसने 20 महिलाओं से शादी करके अपना विशाल पारिवारिक साम्राज्य खड़ा किया है। तंजानिया का रहने वाला ये शख्स वर्तमान में अपनी 16 पत्नियों के साथ रह रहा है। इनके बच्चों और पोते-पोतियों के बारें जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
तंजानिया के नजोम्बे के एक छोटे से गांव में रहने वाले मजी अर्नेस्टो मुइनुची कपिंगा के 104 बच्चे और 144 पोते-पोतियां शामिल हैं। कपिंगा ने 20 शादियां की हैं। इनमें से उनकी 4 पत्नियां मर चुकी हैं। अभी भी उनके साथ 16 पत्नियां हैं और सभी पत्नियों के लिए अलग-अलग घर हैं।
पल्स अफ्रीका की रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादा बच्चे पैदा करने की कपिंगा के पिता के अनुरोध से शुरू हई, जिन्होंने अपना छोटा परिवार बढ़ाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया। उनके पिता ने कबीले के छोटे आकार को बढ़ाने को लेकर अपनी ख्वाहिश जाहिर की, जिसे कपिंगा ने दिल से लिया। वह अपने पिता की इच्छाओं को आगे बढ़ाने के लिए जी-जान से जुट गए।
1961 में जब कई अफ्रीकी देश आजादी हासिल करने के लिए लड़ रहे थे, उसी समय कपिंगा ने अपने परिवार बढ़ाने के मिशन को शुरू किया। उनके पहले बच्चे का जन्म 1962 में हुआ और इसके बाद बच्चों और शादियों का एक लंबा सिलसिला चल पड़ा। अफ्रीमैक्स को दिए एक इंटरव्यू में कपिंगा ने अपनी शुरुआत को याद किया।
उन्होंने कहा, तब मैं एक युवा व्यक्ति था। मैंने 1961 में अपनी पहली पत्नी से विवाह किया था, और मेरा पहला बच्चा 1962 में पैदा हुआ था। लेकिन मेरे पिता ने मुझसे कहा कि एक पत्नी पर्याप्त नहीं है। उन्होंने मेरी पांच पत्नियों के लिए दहेज दिया। वे हमारे परिवार के नाम को कायम रखना चाहते थे। बाकी शादियां मैंने खुद की।’
कपिंगा का पूरा परिवार खेती करने और जानवरों को पालने में सहयोग करता है, जिससे परिवार की खाने-पीने की जरूरतें पूरी होती हैं। उनके खेत में मक्का, सेम, कसावा और केले समेत कई तरह की मुख्य वस्तुए पैदा होती हैं। अतिरिक्त अनाज को बेचकर उससे अन्य जरूरत की चीजें खरीदी जाती हैं।
कपिंगा कहते हैं कि लोगों को लगता है मैं सब कुछ कंट्रोल करता हूं। लेकिन सच्चाई यह है कि महिलाएं इस परिवार को एक साथ रखती हैं। मैं यहां केवल उनका मार्गदर्शन करने के लिए हूं। कपिंगा स्वीकार करते हैं कि उन्हें कभी-कभी अपने सभी बच्चों और नाती-नातिनों के नाम याद रखने में कठिनाई होती है। उन्हें लगभग 50 के नाम याद हैं, बाकी को नाम के बजाय चेहरे से पहचानते हैं। दुख की बात है कि उनके 40 बच्चों की मौत हो चुकी है।