भूकंप और भूस्खलन की आपात स्थिति में जिला प्रशासन का त्वरित बचाव अभियान, माॅक ड्रिल में सभी विभागों ने मिलकर किया काम
माॅक ड्रिल में सभी विभागों में दिखा परस्पर समन्वय
अभ्यास के तहत बस अड्डे के समीप दिखाया भूकंप का असर
नौला पानी में भूस्खलन की आपात स्थिति को लेकर कराया माॅक ड्रिल
रुद्रप्रयाग: जिला रुद्रप्रयाग में भूकंप एवं भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान प्रशासन की तत्परता एवं कार्य कुशलता के संबंध में आज शुक्रवार को जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के निर्देशन में माॅक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास में जिला प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों ने परस्पर समन्वय एवं तत्परता के साथ कार्य किया।
माॅक ड्रिल में सभी विभागों में दिखा परस्पर समन्वय
अभ्यास के तहत बस अड्डे के समीप दिखाया भूकंप का असर
नौला पानी में भूस्खलन की आपात स्थिति को लेकर कराया माॅक ड्रिल
रुद्रप्रयाग: जिला रुद्रप्रयाग में भूकंप एवं भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान प्रशासन की तत्परता एवं कार्य कुशलता के संबंध में आज शुक्रवार को जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के निर्देशन में माॅक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास में जिला प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों ने परस्पर समन्वय एवं तत्परता के साथ कार्य किया।
इस क्रम में, जिला आपदा कंट्रोल रूम को प्रातः 10ः55 बजे एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा सूचना दी गई कि भूकंप के कारण बस अड्डे में स्थित कुछ दुकानें धराशायी हो गई हैं। इसके अतिरिक्त, नौला पानी क्षेत्र में भूस्खलन के चलते 10 से 15 मजदूरों के दबे होने की आशंका व्यक्त की गई है। घटना की गंभीरता को देखते हुए आपदा प्रबंधन की टीमें तत्काल घटना स्थलों के लिए रवाना हुईं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। घायलों को त्वरित प्राथमिक उपचार प्रदान करते हुए उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने जानकारी दी कि श्रीनगर के समीप सुपाणा गांव में रिक्टर स्केल पर 4.8 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। इसके प्रभाव से रुद्रप्रयाग स्थित बस अड्डे के समीप कुछ दुकानें जमींदोज हो गई कई स्थानों में बिजली की तारें टूटने तथा पानी की पाइप लाइन फटने की खबर भी प्राप्त हुई।
भूकंप के कारण एक घर में सिलेंडर फटने से आग लग गई वहीं कुछ स्थानों पर पेड़ों के गिरने से रास्ता जाम जैसी परिस्थितियां बन गई हैं। सूचना प्राप्त होते ही प्रशासन ने तुरंत एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और अन्य बचाव दलों की मदद से राहत कार्य शुरू किया और घायलों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। जिला मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और 3 अन्य को मामूली चोटें आईं हैं। वहीं 4 लोगों की दुखद मृत्यु हो गई है।
वहीं दूसरी ओर, नौला पानी के समीप भूस्खलन के कारण 10 से 15 मजदूरों के मलबे में दबे होने की सूचना प्राप्त हुई। जिला आपदा प्रबंधन की टीम ने तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव एवं राहत कार्य प्रांरभ किया। इस हादसे में 4 लोग गंभीर रूप से घायल हुए और 7 अन्य को मामूली चोटें आईं। वहीं में 2 मजदूरों की मृत्यु हो गई। बचाव दल ने घायलों को निकालकर सीएचसी अगस्त्यमुनि पहुंचाया, जबकि गंभीर रूप से घायलों को माधवाश्रम चिकित्सालय, कोटेश्वर रेफर किया गया।
अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा ने बताया कि यह पूरी घटना जिला प्रशासन द्वारा आयोजित एक मॉक ड्रिल का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य आपदा प्रबंधन की तैयारियों का आंकलन करना था। इस अभ्यास में जिला प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग, पूर्ति विभाग सहित अन्य एजेंसियों की समन्वय क्षमता और त्वरित प्रतिक्रिया की परख की गई। उन्होंने बताया कि सभी विभागों ने अपने दायित्वों को कुशलता से निभाया और भविष्य में भी इसी प्रकार की मॉक ड्रिल आयोजित की जाएंगी ताकि आपदा प्रबंधन की तत्परता और दक्षता को और अधिक मजबूत किया जा सके।