वित्त मंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वे

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में इकोनॉमिक सर्वे (Budget Economic Survey 2025) पेश कर दिया है। इसमें रोजगार, कृषि, मैन्युफैक्चरिंग और जीडीपी ग्रोथ समेत कई पहलुओं पर दिलचस्प जानकारी मिली है।

आर्थिक सर्वे 2024-25 में घरेलू और वैश्विक स्तर पर मौजूद चुनौतियों का जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि विकास दर में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। वित्त वर्ष 2025-26 में रियल जीडीपी ग्रोथ 6.3 से 6.8 फीसदी रहने का अनुमान दिया गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 में ग्रोथ 6.4 फीसदी रहने की उम्मीद है। पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में अर्थव्यवस्था 8.4 फीसदी की तूफानी रफ्तार से बढ़ी थी।

आर्थिक सर्वे में सरकार ने रोजगार पर खास फोकस किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वे में बताया कि 2030 तक गैर-कृषि क्षेत्र में सालाना औसतन 78.5 लाख नौकरियों के अवसर के पैदा होंगे। घरेलू अर्थव्यवस्था का फोकस खासतौर पर सर्विस सेक्टर पर रहता है, लेकिन अन्य क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने की कोशिश होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत 89 लाख से अधिक घर बन चुके हैं। रियल एस्टेट में पारदर्शिता लाने और घर खरीदारों के हितों की सुरक्षा के लिए सरकार ने Real Estate (Regulation & Development) Act, 2016 बनाया है। इसने लाखों लोगों की शिकायतों का निपटारा किया, जिससे आम लोगों का भरोसा बढ़ा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वे में माना कि महंगाई सरकार और RBI के लिए महंगाई बड़ी चुनौती बनी हुई है। आरबीआई ने महंगाई को रोकने के लिए ही लंबे समय से ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। इसे भी अर्थव्यवस्था सुस्त की एक अहम वजह बताया जा रहा था।

कृषि क्षेत्र की ग्रोथ रेट में सुधार देखने को मिल रहा है। इसकी वजह अनुकूल मौसम और नई तकनीक के साथ सरकारी कोशिश रही। किसानों को पीएम-किसान, डिजिटल एग्रीकल्चर और सिंचाई सुधार जैसी सरकारी योजना से किसानों को फायदा मिला। ड्रोन, सटीक कृषि (Precision Farming) और बेहतर क्वालिटी के बीज की वजह से पैदावार भी बढ़ी।

आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में अप्रैल से सितंबर तक 29.8 अरब डॉलर FDI आया था। इसमें सबसे अधिक 5.7 अरब डॉलर का FDI सर्विस सेक्टर में आया। इससे जाहिर होता है कि विदेशी निवेशकों को सर्विस सेक्टर में ज्यादा संभावनाएं नजर आ रही हैं और वे इसमें ज्यादा पैसे लगा रहे हैं।

आर्थिक सर्वे में इनोवेशन को बढ़ावा देने पर फोकस करने की भी कही है। इसमें जोर दिया गया है कि इसके लिए सरकार को ही पहल करनी होगी। इसके लिए नीतिगत उलझनें कम करनी होगी। साथ ही, व्यवसायों को अपने कोर मिशन पर भी ध्यान देने की जरूरत है। इससे इनोवेशन और कंपटीशन की भावना बढ़ सकती है।
EV के लिए विदेश पर निर्भरता घटाना

सरकार का फोकस इलेक्ट्रिक गाड़ियों के उत्पादन पर काफी अधिक है। लेकिन, इनका प्रोडक्शन काफी हद तक इंपोर्ट पर टिका है। इससे देश का व्यापार घाटा लगातार बढ़ रहा है। सरकार Make In India करके घरेलू सप्लाई चेन को मजबूत करना चाहती है। इससे लंबी अवधि में इलेक्ट्रिक गाड़ियों का बिजनेस आत्मनिर्भर हो सकेगा।

आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान में 5,853 किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाए गए हैं। साथ ही, जल जीवन मिशन के तहत 12 करोड़ से ज्यादा परिवारों को पाइप से पीने का पानी मिल चुका है।

आर्थिक सर्वे में रेलवे सेक्टर पर भी खास फोकस किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि अप्रैल और नवंबर 2024 के बीच 2031 किलोमीटर रेलवे नेटवर्क चालू किया गया। वहीं, अप्रैल और अक्टूबर 2024 के बीच वंदे भारत ट्रेनों के 17 नए पेयर शुरू किए गए।

इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने पर काफी जोर दे रही है। वित्त वर्ष 2020 से लेकर 2024 तक सरकारी खर्च (capital Expenditure) 38.8 फीसदी की दर से बढ़ा है। हालांकि, लोकसभा चुनाव के चलते वित्त वर्ष 2025 में खर्च में कुछ कमी आई। यह चुनाव के बाद जुलाई से नवंबर 2024 के बीच बढ़ा है, जिससे इन्फ्रास्ट्रक्चर को सपोर्ट मिला है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *