तेल अवीव: इजरायल और हमास के बीच गाजा में 19 जनवरी से युद्धविराम लागू हुआ है। अक्टूबर, 2023 से चल रही इस भीषण जंग के रुकने से दुनिया ने राहत की सांल ली है। हालांकि कई एक्सपर्ट आंशका जता रहे हैं कि मार्च में इजरायल फिर से हमले शुरू कर सकता हैं। ऐसे दावे हैं लेकिन ये आसान नहीं होगा क्योंकि युद्धविराम के बाद लाखों फिलिस्तीनी उत्तरी गाजा लौट रहे हैं, जो बेंजामिन नेतन्याहू के लिए मुश्किल बन सकते हैं। ऐसे में फिलहाल इजरायल और हमास के रिश्ते के भविष्य पर असमंजस है। वहीं इजरायल के फिर से युद्ध शुरू करने को लेकर भी कई सवाल हैं।
यरुशलम टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम समझौते के बाद करीब 10 लाख फिलिस्तीनी दक्षिणी गाजा से उत्तरी गाजा लौट रहे हैं। इससे इजरायल के लिए युद्ध फिर से शुरू करना बहुत मुश्किल हो जाएगा। पहले इजरायल के पास हमास पर दबाव बनाने के लिए फिलिस्तीनियों का विस्थापन बड़ा हथियार था लेकिन उत्तरी गाजा में बड़ी आबादी की वापसी इजरायल के लिए दोबारा युद्ध शुरू करना मुश्किल बनाएगी। इसके अलावा इजरायल को अंतरराष्ट्रीय दबाव का भी सामना करना होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम का दूसरा चरण 1 मार्च से शुरू होना है लेकिन अब तक कोई ठोस समझौता नहीं हुआ है। इस बीच हजारों फिलिस्तीनी दक्षिणी गाजा से अपने घरों को लौट रहे हैं, जो उनके लिए बड़ी राहत है लेकिन इससे इजरायल की स्थिति जटिल हो गई है। इजरायल फिर से युद्ध शुरू करता है तो फिर लाखों लोगों को विस्थापिन होगा।
इजरायल का गाजा पर कोई नया हमला एक बड़ी मानवीय समस्या पैदा करेगा। ये इजरायल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-लग करेगा। पिछले साल इजरायल ने हमला किया तो 7 अक्टूबर के हमास के अटैक की वजह से उसे दुनिया भर से सहानुभूति मिली थी लेकिन इस पर उसे गुस्से का सामना करना पड़ेगा। इस बार वैश्विक समुदायक का रुख सख्त रह सकता है।
इजरायल अगर फिर से युद्ध शुरू करता है तो उसे बहुत बड़े पैमाने पर सेना तैनात करनी होगी। पिछले साल इजरायल ने गाजा में पांच डिवीजन तैनात किए थे।सवाल ये है कि क्या इजरायल के पास फिर से इतनी बड़ी तैनाकी के लिए रिजर्व सैनिक हैं। सेना के लिए राजनीतिक स्तर पर भी चुनौती होगी। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू फिर से जंग में जाते हैं तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय दबाव ही नहीं घर में भी मुश्किल होगी। इजराइल की जनता पहले ही एक लंबे युद्ध से थक चुकी है।
एक्सपर्ट का मानना है कि इजरायल के पास फिलहाल पूर्ण युद्ध का विकल्प नहीं हैं। हालांकि वह छोटे-छोटे ऑपरेशन जारी रख सकता है। इससे हमास पर दबाव बना रहेगा लेकिन इससे गाजा में कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा। इजरायल फिलहाल हमास को गाजा छोड़ने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में इजरायल और हमास के बीच क्या होता है।