महाकुंभ एकता, समता और समरसता का संगम: पीएम मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री ने साल के पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में 25 जनवरी को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय मतदाता दिवस का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह दिन इसलिए अहम है, क्योंकि इसी दिन ‘भारतीय निर्वाचन आयोग’ की स्थापना हुई थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को महाकुंभ को एकता और समता-समरसता का असाधारण संगम करार दिया। उन्होंने कहा कि हजारों वर्षों से चली आ रही इस परंपरा में कहीं भी कोई भेदभाव और जातिवाद नहीं है। आकाशवाणी पर हर महीने प्रसारित होने वाले रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 118वीं कड़ी और साल 2025 की पहली कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए उन्होंने महाकुंभ में युवाओं की बढ़ती भागीदारी का जिक्र किया।

पीएम मोदी ने कहा कि जब युवा पीढ़ी अपनी सभ्यता के साथ गर्व से जुड़ जाती है तो उसकी सभ्यतागत जड़े और मजबूत होती है और तब उसका स्वर्णिम भविष्य भी सुनिश्चित हो जाता है। प्रधानमंत्री ने इस दौरान 25 जनवरी को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय मतदाता दिवस का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि यह दिन इसलिए अहम है, क्योंकि इसी दिन ‘भारतीय निर्वाचन आयोग’ की स्थापना हुई थी।पीएम मोदी ने ‘कुंभ’, ‘पुष्करम’ और ‘गंगा सागर मेले’ का जिक्र करते हुए कहा कि ये पर्व सामाजिक मेल-जोल, सद्भाव और एकता को बढ़ाने वाले पर्व हैं। उन्होंने कहा कि ये पर्व भारत के लोगों को भारत की परंपराओं से जोड़ते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कुंभ में दक्षिण, पश्चिम और हर कोने से लोग आते हैं। कुंभ में गरीब और अमीर सब एक हो जाते हैं और सब लोग संगम में डुबकी लगाते हैं। एक साथ भंडारे में प्रसाद ग्रहण करते हैं। तभी तो कुंभ एकता का महाकुंभ है। कुंभ का आयोजन हमें यह भी बताता है कैसे हमारी परंपराएं पूरे भारत को एक सूत्र में बांधती हैं।’

उन्होंने कहा कि इस बार कुंभ में युवाओं की भागीदारी बहुत व्यापक रूप में नजर आई है। उन्होंने कहा, ‘जब युवा पीढ़ी अपनी सभ्यता के साथ गर्व के साथ जुड़ जाती है तो उसकी जड़े और मजबूत होती है और तब उसका स्वर्णिम भविष्य भी सुनिश्चित हो जाता है।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *