₹50 से ₹18 हजार पहुंचा न्यूनतम वेतन

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर दी है। हालांकि, अभी कर्मचारी संगठन इस संबंध में ‘टर्म आफ रेफरेंस’ का इंतजार कर रहे हैं। आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2026 से लागू होंगी। मतलब, अगले वर्ष से वेतनमान रिवाइज होंगे।

आठवें वेतन आयोग की मंजूरी के साथ अनुमान लगाया जा रहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 186 फीसदी की वृद्धि हो सकती है। यानी, न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी से कर्मचारियों के जीवन की गुणवत्ता में और सुधार आने की उम्मीद है। सातवें वेतन आयोग के बाद न्यूनतम आय 18 हजार रुपये प्रतिमाह हो गया, मगर क्या आप जानते हैं कि पहले वेतन आयोग के दौरान न्यूनतम आय 50 रुपये प्रतिमाह था।

देश का पहला वेतन आयोग मई, 1946 में गठित हुआ था, ताकि आजादी के बाद वेतन ढांचे को सुसंगत बनाया जा सके। अब तक सात वेतन आयोग बनाए जा चुके हैं और हर आयोग के साथ लाभार्थियों की संख्या भी बढ़ती गई। सातवें वेतन आयोग का लाभ करीब एक करोड़ कर्मचारियों को मिल रहा है।

पहला वेतन आयोग (मई 1946-मई 1947)
अध्यक्ष- श्रीनिवास वरदाचार्य
मुख्य जोर आजादी के बाद वेतन ढांचे को सुसंगत बनाना
‘जीवन यापन के लिए वेतन’ के सिद्धांत को पेश किया, न्यूनतम वेतन 55 रुपये प्रति माह, अधिकतम 2000 रुपये प्रतिमाह।
15 लाख कर्मचारियों को मिला था लाभ।

दूसरा : (अगस्त 1957-अगस्त 1959)
अध्यक्ष- जगन्नाथ दास
जीवनयापन लागत और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन बनाने पर जोर
न्यूनतम वेतन 80 रुपये प्रति माह करने की सिफारिश की।
समाज के समाजवादी पैटर्न की अवधारणा पेश की, 25 लाख कर्मचारियों को लाभ।

तीसरा : (अप्रैल 1970-मार्च 1970)
अध्यक्ष- रघुबीर दयाल
न्यूनतम वेतन 185 रुपये प्रति माह करने की सिफारिश की
निजी-सरकारी क्षेत्र के वेतन में समानता पर जोर।
वेतन ढांचे में असंगति दूर करने पर जोर, 30 लाख कर्मचारियों को लाभ।

चौथा : (सितंबर 1983-दिसंबर 1986)
अध्यक्ष- पीएन सिंघल
न्यूनतम वेतन 750 रुपये प्रति माह करने की सिफारिश
सभी रैंक के बीच वेतन असमानता दूर करने पर जोर
प्रदर्शन आधारित वेतन ढांचा पेश किया, 35 लाख कर्मचारियों को लाभ

5वां : (अप्रैल 1994-जनवरी 1997)
अध्यक्ष- जस्टिस एस रत्नावेल पांडियन
न्यूनतम वेतन 2550 रुपये प्रति माह करने की सिफारिश
पे स्केल की संख्या घटाने की सिफारिश
सरकारी कार्यालयों के आधुनिकीकरण पर जोर
40 लाख कर्मचारियों को लाभ

छठा : (अक्तूबर 2006-मार्च 2008)
अध्यक्ष- जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा
पे बैंड व ग्रेड पे की अवधारणा पेश की, न्यूनतम वेतन 7000 रुपये प्रति माह।
अधिकतम वेतन 80000 रुपये प्रति माह
प्रदर्शन आधारित पुरस्कार दिए जाने की अवधारणा पेश की
60 लाख कर्मचारियों को लाभ

सातवां : (फरवरी 2014-नवंबर 2016)
अध्यक्ष- जस्टिस एके माथुर
पे बैंड और ग्रेड पे की अवधारणा पेश की
न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये प्रति माह ग्रेड पे सिस्टम की जगह एक पे मैट्रिक्स की अवधारणा पेश की
भत्तों और काम व घर के बीच संतुलन पर ध्यान केंद्रित किया
1 करोड़ कर्मचारियों को लाभ।

नए साल में केंद्र सरकार ने लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को तोहफा दिया है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी देने का एलान कर दिया। गठन के बाद आयोग की रिपोर्ट के आधार पर कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनधारकों के पेंशन में इजाफा होगा। लाभान्वित होने वाले लोगों की संख्या एक करोड़ से अधिक होगी।

सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी देने का फैसला लिया गया। 7वें वेतन आयोग का गठन 2016 में किया गया था और इसका कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा। वैष्णव ने आगे कहा कि आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी।

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