दमिश्क: सीरिया में इस्लामिक विद्रोहियों के दमिश्क पर कब्जे के साथ बशर अल-असद के शासन का अंत भले हो गया है, लेकिन देश की जमीन पर जंग अभी खत्म होती नहीं दिखाई नहीं दे रही है। सीरिया में अब एक नया मोर्चा खुलने वाला है, जो देश को एक बार फिर से खूनी गृहयुद्ध की तरफ धकेल सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की और एर्दोगन समर्थित सीरियन नेशनल आर्मी (SNA) ने कुर्दों के खिलाफ बड़े हमले की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेतृत्व वाले विद्रोहियों के साथ भी तुर्की ने हाथ मिलाया है।
इस बीच रिपोर्ट हैं कि तुर्की ने सीमा पार करके कुर्दों के नियंत्रण वाले क्षेत्र में हमला करने के लिए बड़े पैमाने पर सैनिकों और सैन्य उपकरणों को जमा किया है। तुर्की के इस आक्रामक प्लान ने अमेरिका और इजरायल की टेंशन बढ़ा दी है। सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में कुर्द बल अमेरिका के सहयोगी हैं।
वॉशिंगटन का डर है कि तुर्की का कुर्दों के खिलाफ नया अभियान अमेरिका के आतंकवाद विरोधी अभियान को न केवल प्रभावित कर सकता है, बल्कि इस्लामिक स्टेट समेत इस्लामी समूहों को एक बार फिर गति देकर उन्हें इजरायल के दरवाजे तक ला सकता है। इन चिंताओं के बीच अमेरिका स्थिति को शांत करने के लिए कूटनीतिक प्रयास कर रहा है, जबकि इजरायल ने खतरे के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
इजरायल ने सीरिया के सीमावर्ती क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित करना शुरू कर दिया है, ताकि किसी खतरे को सीमा से दूर ही रोका जा सके। बुधवार को आई स्पुतनिक की एक रिपोर्ट के अनुसार इजरायली सेना ने सीरया कुनेत्रा प्रांत पर कब्जा कर लिया है। हिजबुल्लाह से जुड़े इजरायली मीडिया आउटलेट अल-मायादीन ने बताया कि इजरायली सेना ने सीरिया के 440 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है।
मंगलवार को ही इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने सीरिया के हिस्से वाले माउंट हरमोन का दौरा किया था। गोलान हाइट्स क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटी पर इजरायली सेना ने असद के सत्ता से हटने के कुछ घंटे बाद ही कब्जा कर लिया था। नेतन्याहू ने कहा कि इजरायली सेना सीरिया के अंदर तब तक रहेगी, जब तक इजरायल की सुरक्षा की गारंटी देने वाली दूसरी व्यवस्था नहीं मिल जाती। उन्होंने माउंट हरमोन पर सेना को 2025 के आखिर तक रहने के लिए तैयार रहने को कहा।