नई दिल्लीः डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सत्ता पर वापसी कर ली है। ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हराकर दूसरी बार जीत हासिल की। डोनाल्ड ट्रंप की जीत के साथ ही तमाम राजनीति चर्चाओं के बीच भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों पर एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है। फ्रांस के महान भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस की सदियों पहले की गई भविष्यवाणी को अमेरिका की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
1555 में ‘The Prophecies’ (Les Prophéties) नाम से नास्तेदमस की एक किताब प्रकाशित हुई थी, जिसे नास्तेदमस ने 1503 के आसपास लिखा था। इस किताब में भारत सहित देश-दुनिया के बारे में कई भविष्यवाणियां की गई थीं। इनमें से काफी भविष्यवाणियां सच भी हो चुकी हैं। आइए, एक नजर डालते हैं नास्त्रेदमस की कौन-सी भविष्यवाणी को ट्रंप से जोड़ा जा रहा है और भारत के लिए नास्त्रेदमस ने कौन-सी बड़ी भविष्यवाणियां की है।
‘The Prophecies’ किताब में नास्त्रेदमस में विश्व की महाशक्ति का उल्लेख किया था। इस किताब के अनुसार महाशक्ति का नया राजा उम्र के अंतिम पड़ाव पर सिंहासन पर दूसरी बार कब्जा संभालेगा। अब जाहिर-सी बात है कि 1555 में एक देश के रूप में अमेरिका का गठन नहीं हुआ था।
अमेरिका का गठन 1776 में हुआ था लेकिन नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी में महाशक्ति का जिक्र किया गया है और वर्तमान समय के अनुसार अमेरिका महाशक्ति देशों में से एक है। वहीं, अमेरिका में हाल में चुनाव भी हुए हैं, जिसमें ट्रंप की उम्र वर्तमान में 78 साल है। ऐसे में नास्त्रेदमस की सदियों पहले की गई भविष्यवाणी में अमेरिका चुनाव और ट्र्ंंप की जीत की झलक दिखाई देती है।
नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणियों की किताब में भौगोलिक संकेत देते हुए भारत की बात की है। इस भविष्यवाणी के अनुसार भारत में एक मुक्तिदाता जन्म लेगा। जो राजनीति ही नहीं बल्कि धर्म के क्षेत्र में भी सक्रिय रहते हुए कई महाँ कार्य करेगा। उस मुक्तिदाता की उपस्थिति में वंचित वर्ग के लोगों की समस्याएं दूर होती जाएंगी और कई बड़े संकटों को टाला जा सकेगा।
नास्तेदमस की भविष्यवाणियों के अनुसार पूरी दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध का सामना करेगी। दुनिया के कई देशों के बीच ऐसी स्थितियां उत्पन्न हो जाएंगी, जिससे कि तीसरे विश्वयुद्ध की स्थिति बन जाएंगी। इस विश्वयुद्ध में कई महाशक्तियां भाग लेंगी। साथ ही हिन्द का प्राचीन देश, जिसे भारत से जोड़कर देखा जा रहा है, वो जूझता नजर आएगा। नास्तेदमस की भविष्यवाणी में यह बात साफ नहीं है कि यहां जूझने का अर्थ कमजोर स्थिति से है या फिर इसका मतलब कुछ और है।
नास्तेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में बहु धर्मों वाली धरती की बात की है। इस भविष्यवाणी के अनुसार देखें, तो भारत में भी कई धर्मों के लोग रहते हैं। इसके अलावा भारत में धर्म का विषय कई बार हिंसक रूप भी लेता रहा है। धर्म को लेकर कई बार दंगे भी देखे गए हैं।
ऐसे में इंटरनेट युग आने के बाद से धर्म को लेकर लोगों के बीच सांप्रदायिक कट्टरता बढ़ी है। जिससे धर्म जोड़ने की जगह लोगों को बांटने लगा है। नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के अनुसार भविष्य में इसके और भी भयावह परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
नास्तेदमस ने अपनी भविष्यवाणियों में एक और भविष्यवाणी की है, जिसे भारत से जोड़कर देखा जा रहा है। इस भविष्यवाणी के अनुसार दुनिया का ऐसा प्राचीन देश जो विभिन्न ऋतुओं के आगमन के लिए प्रसिद्ध है। जहां पवित्र नदियां बहती हैं, वहां मौसम का संतुलन बिगड़ जाएगा। गर्मी का प्रकोप इतना बढ़ेगा कि धरती तपती हुई नजर आएगी।
वहीं, ठंड के मौसम में हड्डियां कंपकंपाने वाली सर्द हवा चलेगी। मनुष्य धूप देखने को तरस जाएंगे। नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियां कितनी सच होंगी, ये तो आने वाला समय ही बताएगा क्योंकि भविष्यवाणियों के बारे में कभी भी स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। केवल कुछ संकेतों से जोड़कर ही भविष्यवाणियों को विभिन्न घटनाओं से जोड़ा जाता है।