ईरान :ईरान ने इजरायल से बदला लेने की तैयारी पूरी कर ली है. ईरान में मिलिटरी मूवमेंट की जानकारी अमेरिका तक भी पहुंच गई है. अमेरिका ने ईरान को हमले से बचने की धमकी दी है. साथ ही अमेरिकी नेवी की ईरान के करीब तैनाती बढ़ा दी गई है. इस बीच सुपरपावर के जंगी बेड़े USS रूजवेल्ट की वॉर जोन में दोबारा वापसी ने वर्ल्ड वॉर का अलार्म बजा दिया है.
अब तक जो युद्ध हुआ वो सिर्फ ट्रेलर था, जिसमें इजरायल अपने दुश्मन लड़ाका ग्रुप्स को मनमुताबिक पीटता रहा. जहां चाहा वहां घुसकर बारूद बरसाता रहा. हिजबुल्लाह, हमास और हूती से इजरायल की लड़ाई में हासिल भी कुछ नहीं होना था. क्योंकि इन तीनों ग्रुप्स का असल आका दूर बैठकर युद्ध को रिमोट कंट्रोल से चला रहा था. मगर अब उसी मास्टरमाइंड ने आर-पार की जंग का ऐलान किया है.
इजरायल की भीषण बमबारी, जंगी जेट से मिसाइल प्रहार, टैंकों से बारूदी गोले की बौछार, तूफानी होता ग्राउंड ऑपरेशन बहुत कुछ क्लियर कर रहा है. इजरायल डबल फ्रंट पर दुश्मन को दबोचता जा रहा है. मगर तेहरान से आए इंटेलिजेंस इनपुट ने नेतनयाहू की दिल की धड़कन बढ़ा दी है. बाइडन को दी गई जानकारी के बाद पेंटागन भी अलर्ट मोड में आ गया है. यूएस एयरफोर्स के मिनोट एयरबेस को सुपर ऐक्टिव कर दिया गया है.
खामेनेई की धमकी के महज 24 घंटे के अंदर पूरे ईरान में सैन्य हलचल बढ़ा दी गई है. वजह ईरान के सुप्रीम लीडर की वो चेतावनी है, जिसमें उन्होंने इजरायल के साथ अमेरिका को भी सबक सिखाने का ऐलान किया है. ईरान ने इजरायल के हमले का जवाब देने के लिए अपनी सभी सेनाओं के साथ फाइटर ग्रुप के महाविनाशकारी हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकता है.
ईरान के जायंट अटैक में कौन सा फाइटर ग्रुप कहां और किन हथियारों से इजरायल पर धावा बोलेगा इसकी डीटेल पेंटॉगन तक पहुंच चुकी है, जिसके बाद प्रेसिडेंट बाइडन ने ईरान को डायरेक्ट धमकी देकर इजरायल पर हमले की जुर्रत न जुटाने को कहा है.
प्रेसिडेंट जो बाइ़डन ने तेहरान तक ये मेसेज स्विस चैनल के जरिये भिजवाया है. वाल्ला न्यूज के मुताबिक वॉशिंगटन ने तेहरान को साफ संदेश दिया है कि इजरायल पर हमला हुआ तो अमेरिका नेतनयाहू को जवाब देने से नहीं रोकेगा. इसके साथ अमेरिका इजरायल को दुश्मनों पर हमले में हर तरह से मदद पहुंचाना जारी रखेगा.
अमेरिका ने इजरायल के लिए ऐसा सुरक्षा कवच तैयार किया है, जिससे ईरान के सभी हमले नाकाम हो जाएं. इसकी पहली झलक वॉर जोन में सुपरपावर के बमवर्षक B-52 के धमाकेदार एंट्री से दिखाई गई है. जिसके साथ अमेरिका ने ईरान की मिसाइलों को मार गिराने के लिए विध्वंसक जहाज, जंगी जेट की पूरी स्क्वाड्रन और ईंधन भरने वाले विमानों की तैनाती बढ़ा दी है.
अमेरिका की इस मुस्तैदी की वजह तेहरान की कुछ सैटलाइट तस्वीरें हैं. ईरान जल्द ही इजरायल पर हमले कर सकता है इसके कई सिग्नल मिले हैं. इजरायली आर्मी की रेडियो ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है. कान न्यूज़ ने भी ईरान के हमले का संकेत देने वाली तैयारी की पुष्टि की है.
अमेरिकी सैटेलाइट ने ईरान से कुछ ऐसी तस्वीरें कैद की हैं जो इजरायल के लिए अच्छी नहीं हैं. सैटेलाइट तस्वीरों से पर्दाफ़ाश हुआ है कि ईरान इजराइल पर हमले की तैयारी कर चुका है. अमेरिकी सैटेलाइट ने ईरान में मिलिटरी मूवमेंट रिकॉर्ड की है. ईरान आर्मी की ये हलचल खामेनेई के आदेश के बाद रिकॉर्ड की गई हैं.
अमेरिका और इजरायल को खामेनेई के वॉर प्लान की भनक इराक के मिलिशिया ग्रुप हरकत हिज्बुल्लाह अल-नुजबा के एक टॉप कमांडर के बयान के बाद लगी थी. अल-नुजाबा के टॉप कमांडर हैदर अल लामी ने लेबनानी समाचार पत्र अल अखबार को दिए इंटरव्यू में ईरान के साथ मिलकर इजरायल पर मिसाइल अटैक का ऐलान किया था. ऐसे में सवाल उठता है कि इराक का अल नुजबा कितना ताकतवर है. क्या इजरायल को दहलाने का दम रखता है.
10 हज़ार से ज्यादा खूंखार लड़ाकों का ये ग्रुप हाईटेक हथियारों से लैस है. नुजबा के पास हूती और हिज़्बुल्लाह की तरह लॉन्ग रेंज तक मार करने वाले रॉकेट का भंडार है. नुजबा फाइटर्स इराक में अमेरिका के सैन्य अड्डे को आए दिन दहलाते रहते हैं. बीते 4 जनवरी को अमेरिका ने अल नुजबा ग्रुप के डिप्टी कमांडर मुश्ताक तालिब अल-सैदी को मार गिराया था. अमेरिका से टकराने वाले अल नुजबा फाइटर्स अब इजरायल को निशाने पर ले चुके हैं.
उधर ईरान के पलटवार से बचने के लिए इजरायल ने भी तैयारी शुरू कर दी है. अरब मीडिया में इजराइली नौसेना मिसाइल बोट को स्वेज नहर को पार कर लाल सागर पहुंचने की जानकारी दी गई है. LORA मिसाइल से लोडेड इजरायल नेवी की ये बैटलशिप 400 किलोमीटर दूर तक हमला कर सकती है. हालांकि इजरायल सिर्फ़ खुद की नेवी के दम से ईरान और 7 फ्रंट पर फाइटर ग्रुप से युद्ध में बच नहीं सकता है. जिसे देखते हुए अमेरिका ने खाड़ी में मौजूद अपने एयर क्राफ्ट कैरियर यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट को अलर्ट मोड में ला दिया है.
यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट में एक साथ 90 जंगी जेट की स्क्वॉड्रन चलती है, इनके साथ फाइटर हेलिकॉप्टर का बेड़ा भी कैरियर में रहता है. यह निक्सी टॉरपीडो काउंटरमेजर्स, RIM-116 रोलिंग एयरफ्रेम मिसाइल और फालेंक्स CIWS यानी क्लोज इन वेपन सिस्टम गैटलिंग गन से लैस रहता है.
इस बीच आशंका जताई जा रही है कि ईरान 5 नवंबर को इजरायल पर सबसे बड़ा हमला करने जा रहा है. बताया जा रहा है कि ईरान ने 5 नवंबर की तारीख इसलिये चुनी है क्योंकि 5 नवंबर को अमेरिका में चुनाव है. रक्षा विश्लेषकों के मुताबिक, ईरान चाहता है कि जब पूरे अमेरिका का फोकस ट्रंप और कमला हैरिस पर हो, तब इजरायल पर एक हज़ार से ज़्यादा मिसाइल एक साथ दाग़ दी जाएं.
ईरान बार-बार कह रहा है कि उसका तीसरा हमला यानी ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस थ्री बहुत घातक होने जा रहा है और इजरायल पछताएगा कि उसने ईरान पर 26 अक्टूबर वाला हमला क्यों किया.. इस लिए अगले 24 घंटे बहुत अहम माने जा रहे हैं, क्योंकि जब अमेरिका अपना राष्ट्रपति चुनने जा रहा है तब इजरायल के कई बड़े टारगेट्स का डेटा ईरान की मिसाइल कंट्रोल में फ़ीड कर दिया गया है.