प्लेन क्रैश के 56 साल बाद तक बर्फ में दबी रही शहीद की बॉडी

सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के फतेहपुर गांव में एक परिवार के पास ऐसी सूचना पहुंची, जिसमें खुशी और गम दोनों साथ हैं। दरअसल, इसी परिवार के लाल मलखान सिंह की बॉडी का पता उनकी शहादत के 56 साल के बाद चला है।

वायुसेना में तैनात मलखान सिंह के प्लेन का क्रैश 1968 में हो गया था। लंबे तलाश के बाद बॉडी का पता अब चल सका है। परिवार में उनके नाती और पोते हैं। गम है मौत के जख्म का फिर से हरा हो जाने का। और खुशी है तो इस बात की कि अभी तक लापता रहे दादा की बॉडी के पता चलने का।

भारतीय सेना के सर्च ऑपरेशन में मलखान की बॉडी मिली है। हिमाचल प्रदेश के रोहतांग की बर्फीली पहाड़ियों में 1968 में विमान दुर्घटना में लापता हुए वायुसेना में तैनात सहारनपुर के मलखान सिंह का अवशेष मौत के बाद 56 साल बाद नानौता क्षेत्र में स्थित उनके पैतृक गांव फतेहपुर पहुंचेगा। एक पुलिस अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी।

अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सागर जैन ने बताया कि सिंह का अवशेष लद्दाख से यहां पहुंचेगा। इसके 3 अक्टूबर तक यहां पहुंचने की उम्मीद है। सिंह शादीशुदा थे और उनका एक बेटा राम प्रसाद था, जिनकी अब मौत हो चुकी है। परिवार में अब नाती और उनके बच्चे हैं। जैन ने बताया कि उनके पोते गौतम और मनीष मजदूर हैं। उन्होंने बताया कि सेना ने उनके परिवार के सदस्यों को अवशेष बरामद होने की सूचना दे दी है।

यह भारत में सबसे लंबे समय से चले खोज अभियानों में से एक है। जैन ने बताया कि सहारनपुर जिले के थाना नानौता के अन्तर्गत ग्राम फतेहपुर निवासी लखान सिंह सात फरवरी 1968 को वायुसेना के एक विमान में सवार थे, जो चंडीगढ़ से लेह जा रहा था। हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रा के पास खराब मौसम के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उन्होंने बताया कि इस हादसे में विमान में सवार सभी लोगों की मौत हो गई थी।

अधिकारी ने बताया कि गांव पहुंचने के बाद परिवार द्वारा उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा और इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। हिमाचल प्रदेश में रोहतांग दर्रे पर भारतीय वायुसेना के दुर्भाग्यपूर्ण एएन-12 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के 56 साल से अधिक समय बाद चार और पीड़ितों के अवशेष बरामद किए गए।

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