तेल अवीव: इजरायली सेना (IDF) पिछले सप्ताह से लेबनान के चरमपंथी समूह हिजबुल्लाह के ऊपर हवाई हमले जारी रखे हुए हैं। इसमें हिजबुल्लाह के कई शीर्ष कमांडर मारे गए हैं। इस बीच इजरायली सेना ने कहा है कि वह लेबनान में जमीनी अभियान की तैयारी कर रही है। अगर इजरायली सेना लेबनान में घुसती है तो उसका सामना हिजबुल्लाह की खतरनाक अंडरग्राउंड मिसाइल सिटी से होगा, जहां ईरान समर्थित शिया चरमपंथी समूह के गुरिल्ला उसका इंतजार कर रहे हैं।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को हिजबुल्लाह के साथ युद्धविराम के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। अमेरिका और फ्रांस ने लेबनान में 21 दिनों के लिए लड़ाई को रोकने की अपील की थी। इस बीच नेतन्याहू ने पूरी ताकत के साथ हिजबुल्लाह पर चोट करने की कसम खाई है। लेकिन हिजबुल्लाह की आतंकी सुरंगों से इजरायल के लिए निपटना आसान नहीं होगा।
दक्षिणी लेबनान के गांवों और चट्टानी पहाड़ियों के नीचे हिजबुल्लाह ने अपना खतरनाक अड्डा बना रखा है। इजरायल से टकराव के लिए हिजबुल्लाह वर्षों से तैयारी कर रहा है। उसने जमीन के अंदर मीलों तक अपनी सुरंगों का जाल बिछा रखा है, जिसमें घातक मिसाइलों का भंडार जमा कर रखा है।
हिजबुल्लाह की ये सुरंगे गाजा की हमास की सुरंगों की तरह संकरी नहीं है, बल्कि यह इतनी चौड़ी हैं मिसाइल लॉन्चर से लैस ट्रैक चल सकते हैं। हाल ही में हिजबुल्लाह ने इन सुरंगों की झलक दुनिया को दिखाई थी, जिसमें मिसाइलों से लदे ट्रक चलते नजर आ रहे थे।
हिजबुल्लाह के लड़ाके इन सुरंगों के अंदर बिना नजर आए मूवमेंट कर सकते हैं, हथियार जमा कर सकते हैं और घात लगाकर हमले कर सकते हैं। इजरायल के पलटवार से पहले वे फिर उन्हीं सुरंगों में गायब हो सकते हैं। इजरायली रक्षा बलों के लिए चूहे-बिल्ली का ये खेल खतरनाक होगा। ईरान समर्थित शिया चरमपंथी समूह हिजबुल्लाह को दुनिया के सबसे ताकतवर मिलिशिया में माना जाता है। इसके पास 200,000 मिसाइलें, रॉकेट और ड्रोन हैं।
हिजबुल्लाह ने अपनी सुरंगों को इस तरह से बनाया है कि वे इजरायली सेना को फायर ट्रैप में खींच सकें, जो एक ऐसा क्षेत्र हैं, जहां हर कदम पर तबाही का जोखिम है। पहली नजर में दक्षिणी लेबनान शांत गांवों और कृषि क्षेत्र का टुकड़ा लगता है। लेकिन इसके नीचे एक खतरनाक सेना रहती है।
हिजबुल्लाह की सुरंगें में बंकर, मिसाइल भंडार और कमांड सेंटर के बड़े नेटवर्क का हिस्सा है। ये सुरंगे मीलों तक फैली हैं और महत्वपूर्ण स्थानों को जोड़ती हैं। इससे हिजबुल्लाह के लड़ाके निकलकर हमला कर सकते हैं और फिर इजरायल के जवाब देने से पहले भूमिगत हो सकते हैं। हिजबुल्लाह की कोशिश होगी कि वह इजरायल को उकसाकर इन इलाकों में ले जाए और फिर गुरिल्ला युद्ध लड़े।