देहरादून: उत्तराखंड में चटख धूप खिलने से पारा बढ़ गया है। देहरादून के अधिकतम तापमान में सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। अभी मानसून की विदाई के लिए एक सप्ताह बाकी है, लेकिन बारिश अभी से थम गई है, जिसके चलते तापमान बढ़ रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले तीन दिनों तक मौसम शुष्क रहने की संभावना जताई है। 25 सितंबर को प्रदेश में कहीं-कहीं तेज बारिश हो सकती है। जिसको देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
प्रदेश में अभी मानसून की विदाई में एक हफ्ते का समय है, लेकिन बारिश का क्रम धीमा पड़ने से तापमान में वृद्धि हो रही है। शनिवार को भी देहरादून में चटख धूप खिली रही, जिससे तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। देहरादून का अधिकतम तापमान 34.4 और न्यूनतम तापमान 23.6 डिग्री सेल्सियस रहा। पंतनगर का अधिकतम तापमान 35.1 और न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस रहा। मुक्तेश्वर कार्यक्रम तापमान 25.5 और न्यूनतम तापमान 15.6 डिग्री सेल्सियस रहा। टिहरी का अधिकतम तापमान 25.9 और न्यूनतम तापमान 18.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार, 3 दिन मौसम शुष्क रहने के बाद 25 सितंबर से एक बार फिर मौसम बदलने की संभावना है। प्रदेश में कहीं-कहीं बारिश होने के आसार बन रहे हैं। उत्तराखंड में इस बार मानसून में भूस्खलन ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। अतिवृष्टि के कारण भूस्खलन से जान-माल की बड़े पैमाने पर क्षति हुई है। इस भूस्खलन में 77 लोगों ने अपनी जान गंवाई है, जबकि 37 लोग घायल हैं। वहीं, 23 लोग अभी तक लापता हैं।
प्रदेश सरकार यहां 52 बड़े भूस्खलन क्षेत्र का अध्ययन कर रही है और उसके बाद में भूस्खलनों को रोकने के लिए कार्य किए जाएंगे। इन 52 क्षेत्र में 31 मई से 16 सितंबर के बीच भूस्खलन हुआ है। उत्तराखंड लैंडस्लाइड मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर के विशेषज्ञ इन भूस्खलन क्षेत्र का अध्ययन करेंगे। उनकी रिपोर्ट के आधार पर इन क्षेत्रों में भूस्खलन की रोकथाम और उपचारात्मक कार्य प्रारंभ किए जाएंगे।
उत्तराखंड में हर साल बारिश के कारण बड़ी चुनौती सामने आती है। अतिवृष्टि के चलते भी भूस्खलन से बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची है। प्रदेशभर में सड़कें बाधित होने और बादल फटने से लोगों की संपत्तियों को भी बहुत नुकसान पहुंचा है। इस बार की आपदा में 77 लोगों की जान चली गई है, जबकि 37 व्यक्ति घायल हो गए।