देहरादून। प्रदेश में अब वाहनों की गति सीमा नए सिरे से तय की जा रही है। इसकी शुरुआत ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक गति सीमा निर्धारित कर की जा रही है। इस मार्ग पर अधिकतम गति सीमा 60 किमी प्रति घंटा रखने की तैयारी है।
साथ ही यह व्यवस्था भी की जा रही है कि स्कूल व सड़कों के निर्माण कार्य वाले स्थानों पर अधिकतम गति सीमा को 20 किमी रखा जाए। जल्द ही इस संबंध में परिवहन मुख्यालय द्वारा आदेश जारी किए जाएंगे।प्रदेश में लंबे समय से विभिन्न मार्गों पर वाहनों की गति सीमा तय करने की तैयारी चल रही है। प्रदेश में कुछ स्थानों पर पहले परिवहन विभाग ने स्वयं गति सीमा का निर्धारण किया, लेकिन इसे लेकर कुछ सवाल उठे।
ऐसे में परिवहन विभाग ने गति सीमा का निर्धारण करने के लिए विशेषज्ञ संस्था का चयन किया। यह जिम्मा फरीदाबाद की आइआरटीई (इंस्टीट्यूट आफ रोड ट्रेफिक एजुकेशन) को सौंपा गया। इस संस्था ने परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक के तकरीबन 170 किमी लंबे मार्ग का सर्वे किया।संस्था ने यहां मार्ग की प्रकृति व भौगोलिक स्थिति के हिसाब से अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग-अलग गति सीमा तय की। अब संस्था ने यह रिपोर्ट परिवहन विभाग को सौंप दी है।
इस रिपोर्ट में इस मार्ग पर अधिकतम गति सीमा 60 किमी और न्यूनतम गति सीमा 20 किमी प्रति घंटा रखी गई है। साथ ही संस्था ने इस मार्ग पर 100 से अधिक स्थानों पर गति सीमा के साइन बोर्ड लगाया जाना भी प्रस्तावित किया है।अब परिवहन विभाग इस मार्ग पर आने वाले पांच जिलों देहरादून, पौड़ी, टिहरी व चमोली के प्रवर्तन अधिकारियों के साथ बैठक करेगा। बैठक में सभी के साथ इस रिपोर्ट को साझा किया जाएगा।
साथ ही रिपोर्ट में सुझाए गए मानकों के अनुसार ही इन जिलों में गति सीमा निर्धारित की जाएगी। दूसरे चरण में शेष सभी जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें गति सीमा निर्धारित करने की जानकारी देते हुए गति सीमा का निर्धारण किया जाएगा।संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह का कहना है कि विशेषज्ञ संस्था की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। अब इस रिपोर्ट में दिए गए सुझावों के आधार पर जल्द ही गति सीमा निर्धारित कर दी जाएगी।