देहरादून. बीते कुछ दिनों से उत्तराखंड में पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक कहीं-कहीं भारी बारिश देखने को मिली. लोग उम्मीद लगा रहे थे कि जुलाई, अगस्त के बाद सितंबर में मानसून विदा हो जाएगा लेकिन अभी ऐसे आसार नजर नहीं आ रहे हैं.
मौसम विभाग की ओर से 13 सितंबर तक प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि 11, 12 और 13 सितंबर को चमोली जनपद में भारी से भारी बारिश देखने के लिए मिलेगी. वहीं रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिले में मध्यम वर्षा के आसार हैं.
मौसम विभाग की ओर से बताया गया है कि 12 सितंबर से उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में भारी बारिश होने की संभावना है. कुमाऊं के बागेश्वर, ऊधम सिंह नगर, चंपावत और नैनीताल ऐसे जिले हैं, जहां बुधवार को भी अतिवृष्टि की संभावना है. वहीं चमोली, पिथौरागढ़ और पौड़ी जनपद में मानसून की अच्छी एक्टिविटी देखने के लिए मिलेगी.
उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में भारी बारिश के चलते भूस्खलन की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए चारधाम यात्रियों के साथ सामान्य यात्रियों से भी सावधानी बरतने की अपील की जा रही है. पर्यटकों को नदी, नालों और झरने आदि से दूर रहने की सलाह दी जा रही है.
विभाग की ओर से पर्वतीय जिलों में यात्रा से पहले मौसम की अपडेट लेने की सलाह दी जा रही है क्योंकि मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए येलो अलर्ट को आवश्यकता पड़ने पर ऑरेंज और रेड अलर्ट में भी तब्दील किया जा सकता है. मौसम विभाग के अनुसार हिदायत दी गई है कि आने वाले दो से तीन दिनों के लिए विशेष सावधानी बरती जाए.
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के मौसम की बात करें, तो मंगलवार को राजधानी देहरादून में दोपहर के समय जमकर बारिश हुई, जिसके चलते कई जगह जलभराव की समस्या देखने के लिए मिली. भारी बारिश के चलते पहाड़ों की रानी मसूरी भी सूनी नजर आ रही है क्योंकि पर्यटकों में 80 फीसदी कमी देखी जा रही है.
वहीं यमुनोत्री के नारायण पुरी, फूलचट्टी, जानकी चट्टी और खरशालीगांव इलाके में मंगलवार को जमकर कई घंटे तेज बारिश हुई, जिसके चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. वहीं रुद्रप्रयाग जनपद में भारी बारिश के चलते भूस्खलन हो गया और मलबे में 8 यात्री दब गए, जिनमें पांच यात्रियों की जान चली गई और तीन घायल हो गए.