वॉशिंगटन: भारत की लोकसभा में विपक्षी नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर गए हैं। एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने RSS पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘RSS का मानना है कि भारत एक विचार है। हमारा मानना है कि भारत बहुत सारे विचारों से मिलकर बना है।
हमारा मानना है कि हर किसी को सपने देखने की इजाजत मिले, बिना किसी की परवाह के। बिना उसका धर्म, रंग देखे बिना मौके मिलें। चुनाव में भारत के लाखों लोगों को साफ तौर से पता चला कि प्रधानमंत्री संविधान पर हमला कर रहे थे। मैं जो बाते कर रहा हूं वह संविधान में है। राज्यों का संघ, भाषा का सम्मान, धर्म का सम्मान।’
इसके अलावा टेक्सास यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम में उन्होंने बेरोजगारी, शिक्षा और टेक्नोलॉजी के मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि पश्चिम और भारत दोनों ही नौकरियों के संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने बेरोजगारी से निपटने के लिए भारत को अपना उत्पादन बढ़ाने की वकालत की। इस दौरान उन्होंने चीन और वियतनाम का जिक्र किया। राहुल गांधी ने कहा कि जहां कई देश बेरोजगारी से जूझ रहे हैं, वहीं चीन और वियतनाम जैसे देश ऐसी कठिनाइयों का सामना नहीं कर रहे।
उन्होंने इसके पीछे ग्लोबल प्रोडक्शन से जुड़े ऐतिहासिक बदलावों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ’20वीं सदी के मध्य में अमेरिका और यूरोप सहित पश्चिम ने दुनिया भर में उत्पादन का नेतृत्व किया।’ गांधी ने पिछले कुछ दशकों में हुए महत्वपूर्ण बदलावों का जिक्र किया, जिससे प्रोडक्शन लाइन धीरे-धीरे अमेरिका से दक्षिण कोरिया, जापान और अंततः चीन में चली गई।
आज के समय चीन वैश्विक उत्पादन में हावी है। वह इस बदलाव का श्रेय पश्चिम और भारत को विनिर्माण से पीछे हटने को देते हैं। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका और यूरोप समेत पश्चिमी देशों ने विनिर्माण क्षेत्र को चीन और वियतनाम जैसे देशों के लिए छोड़ दिया है।’
उन्होंने आगे कहा कि भारत को प्रोडक्शन के प्रति अपना दृष्टिकोण फिर से परिभाषित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘भारत यह स्वीकार नहीं कर सकता कि प्रोडक्शन अन्य देशों का क्षेत्र होगा। हमें अपनी विनिर्माण क्षमताओं को इस तरह विकसित करने की जरूरत है जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों के अनुरूप हो।’
अपनी भारत जोड़ो यात्रा को लेकर उन्होंने बताया कि कैसे इसने उनके राजनीतिक दृष्टिकोण को नया रूप दिया है। उन्होंने कहा, ‘भारत जोड़ो यात्रा ने मेरे काम के बारे में सोचने के तरीके को मौलिक रूप से बदल दिया। सबसे शक्तिशाली चीज जो स्वाभाविक रूप से हुई, वह थी राजनीति में प्रेम के विचार का परिचय’
भारत में शिक्षा और कौशल को लेकर बात करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि बड़ा मुद्दा कौशल की कमी नहीं बल्कि कुशल व्यक्तियों के लिए सम्मान की कमी है। उन्होंने कहा, ‘भारत में कौशल रखने वाले लोगों के लिए सम्मान नहीं है।’ उन्होंने शिक्षा प्रणाली और व्यवसाय क्षेत्र के बीच अंतर की आलोचना की और व्यावसायिक प्रशिक्षण के जरिए बेहतर एकीकरण की वकालत की।
उन्होंने कहा, ‘हमारी शिक्षा प्रणाली व्यवसाय प्रणाली से नहीं जुड़ती।’ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बारे में बातचीत के दौरान राहुल ने इसकी चुनौतियों और अवसरों दोनों को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, ‘हर बार जब नई तकनीक आती है तो तर्क दिया जाता है कि यह नौकरियां छीन लेगा। यह कुछ नौकरियां खत्म कर सकता है, लेकिन कई नौकरियां पैदा भी करेगा।’