रुद्रप्रयाग:भारतीय वायु सेना के एमआई-17 हेलिकॉप्टर से टो करके ले जाए जा रहे खराब हेलिकॉप्टर को पायलट ने गहरी घाटी में ड्रॉप कर दिया। बताया जा रहा है कि हवा के विपरित दिशा में बढ़ते दवाब के चलते एमआई-17 का संतुलन बिगड़ गया था। इसे देखते हुए पायलट को हेलिकॉप्टर गिराना पड़ा।
दरअसल, बीती 24 मई को यात्रियों को लेकर आ रहे क्रिस्टल कंपनी के हेलिकॉप्टर के रोटर में गड़बड़ी होने पर पायलट ने केदारनाथ स्थित हेलिपैड से कुछ पहले इमरजेंसी लैंडिंग कराई थी। तब से यह हेलिकॉप्टर वहीं खड़ा था। शनिवार को भारतीय वायुसेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर केदारनाथ पहुंचा। यहां से एमआई-17 को खराब हेलिकॉप्टर को लटकाकर गौचर हवाई पट्टी पहुंचना था।
हेलिपैड पर मौजूद कर्मचारियों ने जरूरी कार्रवाई कर खराब हेलिकॉप्टर को एमआई-17 से बांधकर लटका दिया। एमआई-17 ने दूसरे हेलिकॉप्टर को लेकर टेकऑफ करने के बाद ऊंची उड़ान भी भर ली थी, लेकिन इसी दौरान हेलिकॉप्टर के भार से एमआई-17 का संतुलन बिगड़ने लगा। इसके साथ ही हवा का दबाव भी बढ़ने लगा।
सूत्रों के मुताबिक एमआई-17 के पायलट ने हेलिकॉप्टर की गति भी कम करनी चाही, लेकिन संतुलन नहीं बन पाया, जिस पर पायलट ने लटकाए हेलिकॉप्टर को लिनचोली में थारू कैंप के समीप गहरी खाई में गिरा दिया। इससे हेलिकॉप्टर चकनाचूर हो गया। अगर, ऐसा नहीं किया जाता तो एमआई-17 के साथ बड़ा हादसा हो सकता था।
घटना की सूचना पर केदारनाथ से क्रिस्टल कंपनी के कर्मचारियों के साथ ही अन्य सुरक्षा जवान मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
इधर, केदारनाथ हेलिकॉप्टर सेवा के नोडल अधिकारी व जिला पर्यटन व सहासिक खेल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि एमआई-17 हेलिकॉप्टर का संतुलन बिगड़ने की स्थिति में संबंधित पायलट को लटकाए हेलिकॉप्टर को खाई में ही गिराना पड़ा। उन्होंने लोगों से मामले में किसी भी प्रकार की अफवाह नहीं फैलाने की अपील की है।
24 मई को शेरसी से छह यात्रियों को लेकर क्रिस्टल कंपनी के इस हेलिकॉप्टर ने केदारनाथ के लिए उड़ान भरी थी। केदारनाथ हेलिपैड पर लैंड करते समय अचानक हेलिकॉप्टर में कुछ तकनीकी खराबी आ गई थी। जिस पर पायलट ने हवा में कई चक्कर लगाए थे। इसके बाद, हेलिकॉप्टर को पीछे की तरफ ले जाकर हेलिपैड से करीब 100 मीटर पीछे ढलान वाली जगह पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई थी। इस दौरान हेलिकॉप्टर में पायलट सहित छह लोग सवार थे।