दक्षिण अफ्रीका:दक्षिण अफ्रीका अपने ही द्वीप पर बमाबारी करने की तैयारी कर रहा है और मकसद चूहों को खत्म करना है जिससे पर्यावरण को बचाने में मदद मिलेगी क्योंकि हजारों की संख्या में मारे जा रहे अल्बाट्रॉस पक्षियों को बचाया जा सकेगा.
दक्षिण अफ्रीका देश का मैरियन केप टाउन से लगभग 2,000 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में एक सुदूर द्वीप है. वहां बमबारी की योजना की वजह केवल इतनी है कि वहां समुद्री पक्षी, विशेष रूप से अल्बाट्रॉस, चूहों का शिकार बन रहे हैं. देश ने दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण पक्षी संरक्षण प्रयास की शुरुआत की है, जो कि माउस-फ्री मैरियन प्रोजेक्ट है.
इस परियोजना के हिस्से के रूप में, हेलीकॉप्टरों को पूरे द्वीप में 600 टन चूहामार रसायन युक्त छर्रों को फैलाने, या बम से उड़ाने के लिए तैनात किया जाएगा. परियोजना को अभी तक फंड नहीं मिला है, लकिन जरूरी धनराशि से चौथाई, यानी 2 अरब, 43 करोड़ 37 लाख 64 हजार रुपये जुटाए जा चुके हैं.
इतना ही नहीं योजना का समय भी तय किया गया है. इरादा 2027 की सर्दियों में चूहों पर हमला करने की है, जब वे सबसे अधिक भूखे होते हैं और गर्मियों में प्रजनन करने वाले पक्षी चले जाते हैं. लेकिन यह अभियान तभी सफल होगा जब 25 किलोमीटर लंबे और 17 किलोमीटर चौड़े द्वीप का हर इंच कवर हो जाएगा.
बर्डलाइफ साउथ अफ्रीका की एक बैठक में संरक्षणवादी मार्क एंडरसन का कहना है, “हमें हर आखिरी चूहे से छुटकारा पाना होगा. अगर कोई नर और मादा बचेगी, तो वे प्रजनन कर सकतेहैं और आखिर वापस वहीं पहुंच सकते हैं, जहां हम अभी हैं.” मैरियन द्वीप कई समुद्री पक्षियों का घोंसला बनाने जगह है, जिसमें अल्बाट्रॉस भी शामिल है. लेकिन अब वे खतरे में हैं, क्योंकि चूहों के झुंड उन पर हमला कर रहे हैं और उनके अंडे खा रहे हैं.
माउस-फ्री मैरियन प्रोजेक्ट के अनुसार, द्वीप पर समुद्री पक्षियों की 29 प्रजातियों में से 19 स्थानीय विलुप्त होने के खतरे का सामना कर रही हैं. एंडरसन ने कहा, “हम चूहों के कारण हर साल सैकड़ों हजारों समुद्री पक्षियों को खो रहे हैं.”