अगले 10 साल में ₹3693000000000 की छलांग

नई दिल्‍ली: आज पूरे देश में पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जाएगा। पिछले साल इसी दिन चंद्रयान-3 मिशन ने चांद की सतह पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग की थी। इसके चलते पूरी दुनिया में भारतीय स्‍पेस एजेंसी इसरो का डंका बज गया था। इस उपलक्ष्य में शुक्रवार को राजधानी के भारत मंडपम में मुख्य समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी। इस साल के उत्सव का विषय ‘चांद को छूते हुए जिंदगी को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा’है। यह समाज और प्रौद्योगिकी पर स्‍पेस एक्‍सप्‍लोरेशन के गहरे प्रभाव पर जोर देता है। भारत की स्‍पेस इकोनॉमी तेजी से विकसित हो रही है। चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद से इस क्षेत्र में और भी अधिक निवेश और दिलचस्‍पी बढ़ी है।

अगले एक दशक में भारतीय स्‍पेस इकोनॉमी 5 गुना बढ़कर 44 अरब डॉलर (लगभग 3,69,357 करोड़ रुपये) हो जाने के आसार हैं।बीते रोज अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा था, ‘पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जा रहा है। यह केवल उत्सव का दिन नहीं है बल्कि चिंतन, आत्मनिरीक्षण और भविष्य के लिए योजना बनाने का भी दिन है।’ उन्होंने बताया, ‘अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था अगले दस साल में पांच गुना बढ़कर लगभग 44 अरब डॉलर हो जाएगी।’

आर्थिक विकास: अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश से नए रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।तकनीकी विकास: अंतरिक्ष मिशनों के लिए विकसित की गई तकनीकों का उपयोग अन्य क्षेत्रों जैसे कृषि, स्वास्थ्य और संचार में भी किया जा सकता है।अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा: सफल अंतरिक्ष मिशन भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को बढ़ाते हैं। देश को एक ग्‍लोबल लीडिर के रूप में मान्‍यता मिलती है।राष्ट्रीय सुरक्षा: अंतरिक्ष तकनीक का उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी किया जा सकता है।

उपग्रह निर्माण और प्रक्षेपण: भारत अब कई प्रकार के उपग्रहों का निर्माण और प्रक्षेपण करने में सक्षम है।अंतरिक्ष अनुसंधान: भारत अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लगातार नए शोध कर रहा है।अंतरिक्ष आधारित सेवाएं: भारत अंतरिक्ष आधारित सेवाएं जैसे उपग्रह संचार, भू-स्थानिक सेवाएं और दूर संवेदन सेवाएं प्रदान करता है।निजी क्षेत्र की भागीदारी: भारत सरकार निजी क्षेत्र को अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

चंद्रमा और मंगल पर मिशन: भारत भविष्य में चंद्रमा और मंगल पर मानवयुक्त मिशन भेजने की योजना बना रहा है।अंतरिक्ष पर्यटन: भारत अंतरिक्ष पर्यटन के क्षेत्र में भी प्रवेश कर सकता है।अंतरिक्ष स्टेशन: भारत अपने खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की योजना बना सकता है।राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने के लिए पिछले एक महीने में देशभर में एक हजार से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। उत्सव के हिस्से के रूप में भारतीय अंतरिक्ष हैकाथॉन और इसरो रोबोटिक्स चैलेंज का आयोजन किया गया।

पिछले साल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में भारत के चंद्रयान-3 विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के साथ इसरो ने इतिहास रच दिया था। इसी का जश्‍न मनाने के लिए बेंगलुरु में जवाहरलाल नेहरू तारामंडल ने कई कार्यक्रमों की योजना बनाई है। इस अवसर पर बच्चों के लिए पेंटिंग, पिक एंड स्पीक, जिगसॉ पहेली और वॉक इन क्विज का भी आयोजन किया जाएगा।

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