नई दिल्लीः आरक्षण पर कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसका उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देना और उसे पलटने की वकालत करना है. दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर बुधवार (21 अगस्त) को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है.
किसी भी तनाव से बचने के लिए पुलिस को सभी जिलों में तैनाती बढ़ाने के लिए कहा गया है. डीजीपी यूआर साहू ने यह भी कहा कि भारत बंद को लेकर कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एसपी को भी निर्देश दिये गये हैं. उन्होंने कहा, “हमने अपने अधिकारियों से बेहतर सहयोग की सुविधा के लिए बंद का आह्वान करने वाले समूहों के साथ-साथ बाजार संघों के साथ बैठकें आयोजित करने को कहा है.”
‘रिजर्वेशन बचाओ संघर्ष समिति’ ने 21 अगस्त को भारत बंद बुलाया है. ये बंद सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी फैसले के खिलाफ बुलाया गया है. राजस्थान के एससी-एसटी समूहों ने बंद का समर्थन किया है.
अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए फैसले का कई विपक्षी पार्टियों ने भी विरोध जताया था. यही वजह है कि आज बुलाए गए भारत बंद का समर्थन आरजेडी और झारखंड मुक्ति मोर्चा जैसी पार्टियों ने भी किया है.
भारत बंद को देखते हुए राजस्थान में स्कूल बंद कर दिए गए हैं. आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में बुधवार (21 अगस्त) को भारत बंद की घोषणा की है.