रुद्रप्रयाग :केदारघाटी में 31 जुलाई को दैवीय आपदा से हुए नुकसान के संबंध में जनपद प्रभारी सचिव/स्वास्थ्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों के साथ आपदाग्रस्त क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया तथा निरीक्षण के बाद जीएमवीएन तिलवाड़ा में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर हुए चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों के संबंध में समीक्षा बैठक की
जनपद भ्रमण पर पहुंचे जनपद प्रभारी सचिव/स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने आज केदारघाटी आपदाग्रस्त क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया तथा चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया। निरीक्षण के उपरांत प्रभारी सचिव ने संबंधित अधिकारियों के साथ जीएमवीएन तिलवाड़ा में बैठक करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में जो भी राष्ट्रीय राजमार्ग एवं पैदल मार्ग को क्षति हुई है उसका पुनर्निर्माण कार्य को तत्परता से सुनिश्चित किया जाए।
निरीक्षण के दौरान प्रभारी सचिव ने पाया कि सिंचाई विभाग द्वारा सोनप्रयाग में सोन नदी एवं मंदाकिनी नदी के कारण जो भी कटाव हो रहा है उन कार्यों को तत्परता से न करना आपदा के दृष्टिगत कार्यों में शिथिलता बरतने पर अधिशासी अभियंता सिंचाई केदारनाथ को तत्काल प्रभाव से जनपद पौड़ी के लिए संबद्ध कर दिया गया जबकि केदारनाथ सिंचाई खंड दायित्व अधिशासी अभियंता रुद्रप्रयाग को दिया गया है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आपदा के दृष्टिगत निर्माण एवं पुनर्निर्माण कार्यों में किसी भी तरह से लापरवाही न बरती जाए। इसमें जो भी कार्य किए जाने हैं उन कार्यों को तत्परता से समयबद्धता के साथ करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने सिंचाई खंड को निर्देश दिए हैं कि सोनप्रयाग में सोन नदी से जो राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़क पर जो कटाव हो रहा है उसके लिए उन्होंने नदी के पानी के डायवर्जन के लिए एक और पोकलैंड मशीन लगाने के निर्देश दिए जिससे कि नदी का बहाव दूसरी ओर हो जाए एवं सड़क मार्ग का कटाव हो रहा है उसकी सुरक्षा की जा सके। इसके साथ ही उन्होंने जो सुरक्षात्मक कार्य किए जा रहे हैं उन पर मैन पावर बढ़ाने के निर्देश दिए।उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग को निर्देश दिए हैं कि उनके द्वारा जो भी सड़क मार्ग का सुधारीकरण कार्य किया जा रहा है उसके लिए भी मैन पावर को बढ़ाने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने सिंचाई, लोनिवि, राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जो भी स्थान संवेदनशील हैं तथा जिन स्थानों पर भू-धंसाव हो रहा है ऐसे स्थानों को चिन्हित कर जो भी मरम्मत कार्य व सुधारीकरण किया जाना है उसके लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन मामलों में शासन स्तर से कार्यवाही की जानी हैं उनको अवगत कराएं ताकि ऐसे प्रकरणों पर शासन स्तर से उचित कार्यवाही कराई जा सके।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में जिला प्रशासन एवं संबंधित विभागों द्वारा त्वरित गति से राहत एवं बचाव कार्य किए गए हैं जिसमें जिला प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, सेना के जवानों द्वारा अपना पूर्ण सहयोग दिया गया है। जिसके लिए उन्होंने सभी की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केदारनाथ यात्रा मार्ग में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की निरंतर समीक्षा कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उनके स्तर से जो भी कार्य किए जा रहे हैं उन कार्यों को त्वरित गति से करना सुनिश्चित करें।
बैठक में जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने केदारनाथ आपदा से हुए नुकसान के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग, लोनिवि, सिंचाई, विद्युत, पेयजल आदि विभागों की जो भी योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं उनका आंकलन तैयार किया गया है तथा संबंधित विभागों द्वारा उनके अधीन जो भी योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं उन पर कार्य शुरू कर दिया गया है तथा सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में जो भी कार्य किए जाने हैं उन कार्यों को शीघ्रता से शीघ्र पूर्ण करना सुनिश्चित करें।
बैठक में प्रमुख अभियंता सिंचाई खंड जयपाल सिंह, मुख्य अभियंता सिंचाई श्रीनगर सुभाष चंद्र, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जीएस खाती, अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा, अधीक्षण अभियंता सिंचाई मनोज कुमार सिंह, अधिशासी अभियंता एनएच निर्भय सिंह, डीडीएमए विनय झिंक्वाण, विद्युत मनोज कुमार, जल संस्थान अनीश पिल्लई सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।