मेरू पहाड, मेरू गौ, मेरी केदारघाटी और मैं…जब-जब गढ़वाली गीतों की ध्वनि कानों में पड़ती है तो कभी-कभी ख्यालों में खुद को पहाड़ की कंदराओं और गांव के टेडे़-मेडे़ और संकरे रास्तों पर हरे-भरे खेतों के बीच पाता हूॅ, लेकिन कुछ समय बाद खुद को सड़ी-गली गर्मी और ट्रैफिक के बीच पाता हू। हाय रे मेरी किस्मत! दो जून की रोटी के लिए प्रकृति से दूर रहना पड़ रहा है। आज इन पंक्तियों का उल्लेख इसलिए कर रहा हू कि एक गढ़वाली गीत खुटयूमा पैजबी सुना तो खुद को गीत के साथ ख्वाबों की दुनिया में चला गया।
कहते है कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती और न वह किसी के सहारे के लिए रूकती है। प्रतिभावान अभावों के बाद भी खुद की प्रतिभा को दिखा देता है। गढ़वाली गीत खुटयूमा पैजबी गीत के गीतकार दीपक बेंजवाल ने भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
पेशे से बैंककर्मी हैं और काम का बोझ कितना रहता है यह आप बैंकों में जाकर देख सकते है। इसके बाद भी बैंक कर्मी दीपक बेंजवाल के कंठ से निकली सुरीली आवाज के आज सभी दिवाने बन गए हैं। दीपक बेंजवाल ने व्यस्तम समय और काम के बोझ के बाद भी एक ऐसी कृति का निर्माण किया है जो आम लोगों को सोचने पर मजबूर कर देगी।
बता दें कि दीपक बेंजवाल के नए गढ़वाली गीत खुटयूमा पैजबी ने आजकल धूम मचा रखी है। युवा से लेकर बुजुर्ग तक इस गीत को पसंद कर रहे हैं। यूटयूब पर तो कुछ ही दिनों में यह गढ़वाली गीत हिट हो गया है।
दीपक बेंजवाल ने अपना लेटेस्ट सॉन्ग “khutiyon ma paijabi” रिलीज कर दिया है. दीपक बेंजवाल का नया गाना दर्शकों को उनके टैलेंट से परिचय करा रहा है। गाना “khutiyon ma paijabi” को दीपक ने जिस तरीके से गाया है उसे देख अंदाजा लगाया जा सकता है,कि आने वाले समय में डेफिनेटली ये गाना दर्शकों की जुबां पर सवार हो सकता है। जिसमें उनका साथ Meera Semliyat के द्वारा दिया गया है।
संतोष बेंजवाल