कोलकाता. बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसा जारी रहने के दौर में करीब 600 लोगों के एक समूह को पश्चिम बंगाल में सीमा पर बीएसएफ ने भारत में घुसने से रोक दिया. प्रधानमंत्री शेख हसीना का तख्ता पलट होने और सोमवार को देश छोड़कर भाग जाने के बाद से ही बीएसएफ हाई अलर्ट पर है. बांग्लादेश के इस समूह के कई लोगों ने बुधवार को भारत में घुसने की कोशिश की. उन्होंने बीएसएफ कर्मियों से अंदर घुसने की अनुमति देने की गुहार लगाई. बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के सत्ता में आने की पूर्व संध्या पर उन्होंने दावा किया कि उन्हें अपनी जान पर खतरे का डर है.
बीएसएफ के अधिकारियों ने कहा कि बांग्लादेश के लोगों के समूहों ने पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के दक्षिण बेरुबारी गांव में सीमा पार करके भारत में घुसने की कोशिश की. एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने हमसे अपील की और देश में घुसने की अनुमति मांगी. उन्होंने कहा कि उन्हें हमला होने का डर है और साथ ही अपनी जान का भी डर है. उन्हें समझाया गया कि उन्हें इस तरह से घुसने देना संभव नहीं है. जबकि लोगों के समूह के कुछ लोग तितर-बितर हो गए, बहुत से लोग बुधवार शाम को भी सीमा पर थे. वे यह उम्मीद कर रहे थे कि उन्हें अंततः सीमा पार करने की अनुमति दी जाएगी.
कंटीली तार के पार जमा हुए लोग अंदर जाने की अनुमति देने की गुहार लगा रहे थे. निवासी ने कहा कि बांग्लादेश के लोगों ने कहा कि ‘हम असहाय हैं. उन्होंने अपने भयानक अनुभवों को याद किया.’ गौरतलब है कि 7 जनवरी के चुनावों से पहले से ही बांग्लादेश में समस्याएं पैदा हो रही थीं. जिसमें शेख हसीना की अवामी लीग ने भारी जीत हासिल की थी. लेकिन चुनावी प्रक्रिया को ज्यादातर लोगों ने स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं माना था.
बहरहाल छात्रों का विरोध जून में शुरू हुआ जब बांग्लादेश के हाईकोर्ट ने बांग्लादेश के 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के सदस्यों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण बहाल कर दिया. बाद में देश के सुप्रीम कोर्ट ने इस कोटा को कम कर दिया था. लेकिन शेख हसीना के हालात को संभालने के तरीके और प्रदर्शनकारियों को देशद्रोही करान दिए जाने से छात्र भड़क गए. छात्रों ने शेख हसीना के पद छोड़ने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन जारी रखा और रविवार को देशभर में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों में 100 से अधिक लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हो गए.