बडकोट: शुक्रवार को यमुनोत्री धाम में यमुना में उफान के बाद आज शनिवार को गंगोत्री धाम में भागीरथी उफान पर है। गंगोत्री में भागीरथी का जलस्तर बढ़ गया है।गंगोत्री में भागीरथी नदी का उफान घाटों के ऊपर तक पहुंच रहा है। गंगोत्री में आरती स्थल से भागीरथ शिला तक भागीरथी का जलस्तर पहुंच गया है। तीर्थ पुरोहितों ने दान पत्र और अन्य सामान हटा दिया है।
इससे पहले गुरुवार को यमुना के उद्गम क्षेत्र कालिंदी पर्वत क्षेत्र में भारी वर्षा हुई है। वर्षा से यमुना नदी में उफान आया। जिसने तबाही का रूप लिया। यमुनोत्री धाम, राममंदिर पड़ाव और जानकी चट्टी में खासा नुकसान हुआ। जानकी चट्टी में तीन खच्चर भी बहे हैं।
रात के समय जब यमुना में उफान आया तो जानकी चट्टी में होटल में ठहरे तीर्थयात्रियों, होटल, दुकान संचालकों, घोड़ा-खच्चर व डंडी कंडी संचालकों में हड़कंप मचा। जानकी चट्टी पार्किंग में जब यमुना नदी का उफान पहुंचा तो मजदूरों ने अपने बच्चों के साथ किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई।
गुरुवार की रात को जानकी चट्टी, यमुनोत्री व कालिंदी पर्वत क्षेत्र में जमकर वर्षा हुई। वर्षा के कारण यमुना अपने रौद्र रूप में आई। यमुनोत्री धाम में यमुना नदी में आए उफान के कारण तटबंध बह गए हैं। यमुनोत्री धाम की सुरक्षा के लिए लगाई गई दीवार भी ढह गई। यमुना मंदिर को जाने वाला मुख्य रास्ता भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। यमुनोत्री धाम में पुजारी महासभा के यमुना नदी के किनारे के कक्ष भी क्षतिग्रस्त एवं ध्वस्त हुए हैं।
इसके अलावा स्ट्रीट लाइट भी क्षतिग्रस्त हुई हैं तथा यमुनोत्री मंदिर का जनरेटर भी बह गया है। यमुनोत्री मंदिर को जोड़ने वाले पुल की सुरक्षा दीवार भी टूट गई है। जिससे पुल का भी खतरा हो गया है। यमुनोत्री धाम में स्नान घाट भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। घाटों का कहीं भी पता नहीं चल पा रहा है।
यमुनोत्री धाम का मुख्य शौचालय भी बह गया है। यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाले पैदल मार्ग पर राम मंदिर पर स्थित पंजीकरण सत्यापन केंद्र भी क्षतिग्रस्त हुआ है। पंजीकरण केंद्र में सारा सामान भी बह गया है।
वहीं जानकी चट्टी में यमुना के उफान से खासा नुकसान हुआ है। उफान जब जानकी चट्टी पार्किंग में पहुंचा तो वहां मौजूद मजदूरों को अपने अस्थाई डेरों से बच्चों के साथ सुरक्षित स्थानों की ओर भागना पड़ा। इस दौरान तीन खच्चर भी बहे। जबकि पार्किंग में खड़ी दो बाइक भी यमुना में बही।
करीब पांच चौपहिया वाहन भी मलबे में दबे। जानकी चट्टी पार्किंग की सुरक्षा दीवार भी उफान के कटाव से ढही। जानकी चट्टी शुभम पैलेस होटल के के निकट जानकी चट्टी की मुख्य सड़क भी ढह गई है। जिससे रोडवेज बस बस सहित 40 से अधिक वाहन जानकी चट्टी पार्किंग की ओर फंस गए हैं।
गत गुरुवार की शाम को जो तीर्थयात्री जानकी चट्टी पहुंचे थे, उन्हें पुलिस ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था पर यमुनोत्री धाम के लिए भेजा। बडकोट से शुक्रवार को तीर्थयात्रियों को यमुनोत्री के लिए नहीं भेजा गया है। रात्री के समय पार्किंग में पानी घुस जाने पर प्रशासन ने निचले स्तर पर माइक से अनाउंसमेंट किया।
भले ही शुक्रवार की सुबह होने तक यमुनोत्री और जानकीचट्टी में यमुना का जल स्तर सामान्य हुआ। भारी वर्षा के कारण जानकी चट्टी, यमुनोत्री धाम और खरसाली में बिजली आपूर्ति ठप हुई है। यहां बिजली के नौ पोल क्षतिग्रस्त हुए हैं। जिलाा प्रशासन ने यमुनोत्री यात्रा सुचारू रूप से संचालित होने का दावा किया है।
वहीं जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने यमुनोत्री क्षेत्र में बीती रात अतिवृष्टि होने के कारण हुए नुकसान का जायजा लेने और तात्कालिक रुप से आवश्यक सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के लिए उपजिलाधिकारी बड़कोट को निर्देश दिए।
यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने लोनिवि के जयवीर तोमर, सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता पन्नीलाल, एसडीएम मुकेश रमोला, थानाध्यक्ष दीपक कठैत, एसडीआरएफ के जवानों के साथ यमुनोत्री धाम में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए पहुंचे।
विधायक संजय डोभाल ने कहा कि संबंधित विभागों और उच्च अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है। बाढ़ से राहत और बचाव कार्य युद्ध स्थल पर किया जाएं। जिससे की यात्रा का सफल संचालन सुचारु किया जा सके।