रुद्रप्रयाग। चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर नरकोटा के पास निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा फिर से भरभराकर ढह गया। हादसा गुरुवार शाम हुआ। गनीमत रही उस वक्त निर्माण कार्य नहीं चल रहा था।
66 करोड़ की लागत से बन रहे इस पुल में रोजाना 80 से 100 मजदूर काम करते हैं। पुल और हाईवे के इस भाग की कार्यदायी संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोनिवि श्रीनगर है। उसने आरसीसी कंपनी को यह काम दिया हुआ है। हादसा इरेक्शन टावर (उपकरणों को सहारा देने के लिए बनाए जाने वाला अस्थायी ढांचा) के गिरने से हुआ।
पुल के क्षतिग्रस्त होने पर कार्यदायी संस्था और निर्माण एजेंसी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। दो साल पहले भी इसी पुल के पिलर निर्माण के दौरान एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसमें दो मजदूरों की जान चली गई थी और आठ लोग घायल हो गए थे। तब भी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठे थे।
एसडीएम ने मामले के जांच के आदेश दिए हैं। पुल ध्वस्त होने का प्रारंभिक कारण डिजायन में खामी होने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, कार्यदायी संस्था के अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि जांच के बाद ही कारण सामने आ पाएंगे।
उप जिलाधिकारी आशीष घिल्डियाल ने बताया कि हादसे में किसी तरह कोई जनहानि नहीं हुई है। राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोनिवि श्रीनगर को लापरवाही बरते जाने पर नोटिस दिया जाएगा। साथ ही स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। इस पूरे घटनाक्रम की जांच करवाई जाएगी।
20 जुलाई 2022 में पिलर निर्माण के दौरान पुल का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। इस कारण दो मजदूरों की दबने से मौत हो गई थी और आठ मजदूर घायल हो गए थे। तब तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, जांच अब तक ठंडे बस्ते में है।