मॉस्को: रूस ने यूक्रेन युद्ध में 3000 किलोग्राम के अपने एक बम का इस्तेमाल किया है, जिसके बारे उसका दावा है कि पश्चिम की वायु रक्षा प्रणालियां इस नए हथियार के सामने बेअसर हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय ने 14 जुलाई को FAB-3000 ग्लाइड बम को सुखोई SU-34 लड़ाकू विमान से जोड़े जाने और बाद में यूक्रेनी क्षेत्र के भीतर लक्ष्य पर गिराए जाने का वीडियो फुटेज जारी किया है।
मंत्रालय ने कहा है कि FAB-3000 एक ऐसी ताकत है जिसे कोई अनदेखा नहीं कर सकता है। 15 जुलाई को एक SU-34 पायलट ने इस बम को पश्चिमी रक्षा प्रणालियों को भेदकर जाने का दावा किया। पायलट ने यह तक कहा कि पैट्रियट और गेपार्ड सिस्टम जैसे पश्चिमी रक्षा तंत्र इन ग्लाइड बमों के खिलाफ बेअसर हैं। इस बम के इस्तेमाल के बाद अमेरिका की टेंशन बढ़नी तय है।
यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, रूसी पायलट ने दावा किया कि ‘विरोधी आज हमारे बमों को नीचे नहीं गिरा सकते। न तो पैट्रियट और न ही गेपार्ड ग्लाइड बमों को नीचे गिरा सकते हैं। इसलिए वे इनसे डरते हैं।’ पायलट ने आगे बताया कि यूनिवर्सल प्लानिंग और करेक्शन मॉड्यूल से लैस FAB-3000 की सटीकता 10 मीटर है। FAB-3000 का भारी वजन, इसकी उन्नत मार्गदर्शन प्रणालियों के साथ मिलकर इसकी सटीकता में योगदान देता है।
FAB-3000 एक पुराना सोवियत युग का बम है जिसे नई मार्गदर्शन प्रणालियों के साथ आधुनिक बनाया गया है। इससे काफी दूरी से सटीक हमले किए जा सकते हैं। इस अपग्रेड ने रूस को एक महत्वपूर्ण सामरिक लाभ प्रदान किया है। रूसी रक्षा इंडस्ट्री के एक सूत्र ने खुलासा किया कि FAB-3000 ग्लाइड बम 50 से 60 किलोमीटर की दूरी से लक्ष्यों को भेद सकता है। सूत्र ने बताया कि बम एक बैलिस्टिक प्रक्षेप पथ का अनुसरण करता है, इसकी सीमा और सटीकता रिलीज़ की गति और ऊंचाई से प्रभावित होती है।
बम 1,400 किलोग्राम टीएनटी ले जाता है और इसमें एक यूनिवर्सल ग्लाइडिंग और करेक्शन मॉड्यूल (UMPK) शामिल है जो इसके लक्ष्य को भेदने की क्षमता को बढ़ाता है। सोवियत काल में विकसि FAB-3000 को औद्योगिक सुविधाओं, जलविद्युत बांधों और किलेबंदी जैसी बड़े पैमाने की संरचनाओं को लक्षित करने के लिए डिजाइन किया गया था। इस साल फरवरी से इसका नया उत्पादन यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में इसके रणनीतिक महत्व को दर्शाता है।