उत्तराखंड में फिर आएगा प्रलय? मौसम विभाग का बड़ा अलर्ट !

उदय दिनमान डेस्कः देश के कई हिस्सों में बारिश ने आफत मचा दी है. कई राज्यों में इस समय बाढ़ जैसे हालात हैं. इस बीच भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों में उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान जताया है.

पूर्वोत्तर भारत में भी लंबे समय तक बारिश का सामना करने की उम्मीद है, जो पिछले शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान जैसे राज्यों में हुई भारी बारिश के कारण हुई गंभीर अव्यवस्थाओं को और बढ़ा देगा, जिससे स्थानीय समुदायों पर काफी असर पड़ा है.

मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है, कुछ इलाकों में 8 से 9 जुलाई को बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. इसी तरह, पश्चिमी मध्य प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम तथा बिहार में 8 जुलाई को पर्याप्त बारिश होने का अनुमान है. पूरे भारत में व्यापक भारी बारिश ने जून में हुई कमी की भरपाई कर दी है, जिससे कुल मानसून बारिश सरप्लस में आ गई है.

दिल्ली में हल्की बारिश और उच्च नमी का अनुभव जारी है, जिसके परिणामस्वरूप धूप रहित सुखद लेकिन बादल छाए हुए मौसम की स्थिति बनी हुई है. IMD के अनुसार, दिल्ली में 8 जुलाई से 12 जुलाई तक बारिश की उम्मीद है, 11 जुलाई को संभावित अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. इस दौरान राजधानी में बादल छाए रहेंगे.

मध्य महाराष्ट्र, कोंकण, गोवा और कर्नाटक में अगले 2 से 3 दिनों में भारी बारिश होने की संभावना है. जबकि हिमाचल प्रदेश, हरियाणा-चंडीगढ़, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, पूर्वी मध्य प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में अगले सप्ताह की शुरुआत तक कुछ स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान है.

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण कई दुखद घटनाएं हुई हैं, जिनमें डूबने और भूस्खलन की घटनाएं शामिल हैं. उत्तराखंड में डूबने और भूस्खलन की घटनाओं के कारण कई लोगों की मौत की खबर है, जिससे बद्रीनाथ जाने वाले राजमार्ग सहित प्रमुख सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, जिससे परिवहन संबंधी चुनौतियां और बढ़ गई हैं.

पूर्वी राजस्थान में इस समय भारी बारिश हो रही है, पूर्वानुमान के अनुसार सोमवार तक इसकी तीव्रता में कमी आएगी. हालांकि, राज्य के पूर्वोत्तर भागों में 9-10 जुलाई तक बारिश बढ़ सकती है, जिसका असर बीकानेर और जोधपुर जैसे क्षेत्रों पर पड़ सकता है.

असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर स्तर पर पहुंच गई है, जिससे 29 जिलों के 22 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे संकट और भी बढ़ गया है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने डिब्रूगढ़ में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया,

उन्होंने समुदायों और वन्यजीवों पर विनाशकारी प्रभाव देखा, साथ ही काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में जंगली जानवरों के हताहत होने की भी सूचना मिली. चूंकि भारत में और अधिक बारिश होने की संभावना है, इसलिए अधिकारियों और समुदायों से सतर्क रहने और गंभीर मौसम की स्थिति के प्रभाव को कम करने के लिए आवश्यक सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है.

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