देहरादून। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, कुमाऊं में अगले तीन दिन भारी से बहुत भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। देहरादून, हरिद्वार, टिहरी और पौड़ी जिले में भी कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है। इसे लेकर आरेंज अलर्ट और शेष जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।
संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन की आशंका है। मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए गुरुवार को प्रदेश के सात जिलों पौड़ी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर, नैनीताल, ऊधम सिंह नगर में 12वीं तक के सभी स्कूलों के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित किया गया है।
सभी जिले अपने-अपने क्षेत्र में पिछले 10 साल में घटित आपदाओं का डाटाबेस तैयार कर उसका अध्ययन करेंगे और तब क्या-क्या अच्छे कार्य हुए और कहां कमियां रह गई थीं, उनसे सबक लेते लेते हुए आपदा से निबटने को रोडमैप तैयार करेंगे।आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बुधवार को आइटी पार्क स्थित यूएसडीएमए (उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी) के कंट्रोल रूम में मानसून को लेकर जिलों की तैयारियों की समीक्षा बैठक में इसके निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि ठोस रोडमैप बनने पर आपदाओं से प्रभावी ढंग से निबटने में मदद मिलेगी। आपदा प्रबंधन सचिव सुमन ने सभी जिलों के अधिकारियों को आपदाओं के दृष्टिगत हर समय अलर्ट मोड में रहने को कहा। उन्होंने कहा कि आने वाले तीन माह आपदा के लिहाज से बेहद अहम व संवेदनशील हैं।
चारधाम यात्रा चल रही है और कुछ समय में कांवड़ यात्रा भी प्रारंभ होने वाली है। इसलिए तैयारियों का चाक-चौबंद होना आवश्यक है। उन्होंने संभावित आपदाओं के दृष्टिगत जिलों को आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और कंट्रोल रूम में महत्वपूर्ण फोन नंबर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान कहीं मार्ग अवरुद्ध होने पर यात्री थोड़े अधिक समय के लिए फंस जाएं तो उनके लिए भोजन पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।
उन्होंने जिलों को शासन स्तर से संबंधित मामलों के प्रस्ताव शीघ्र भेजने, मानसून के दौरान खाद्यान्न एवं अन्य जरूरी वस्तुओं का पर्याप्त मात्रा में स्टाक रखने पर जोर दिया। उन्होंने आपदा से होने वाली क्षति की आकलन रिपोर्ट पूरे तथ्यों के साथ सत्यापित कर प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए, ताकि बाद में विवाद की कोई स्थिति न रहे। उन्होंने यूएसडीएमए के अधिकारियों केा इस सिलसिले में चेकलिस्ट बनाकर जिलों को भेजने को कहा।
बैठक में यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप, राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो.ओबैदुल्लाह अंसारी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे। प्रभावितों तक 24 घंटे के भीतर पहुंचे राहत सचिव आपदा प्रबंधन ने कहा कि आपदा प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल दी जाने वाली राहत राशि 24 घंटे के भीतर पहुंचाने की कोशिश होनी चाहिए। यदि कहीं सर्वे आदि के चलते विलंब हो रहा हो तो 72 घंटे के भीतर हर हाल में सहायता राशि पीडि़तों तक पहुंच जाए, यह सुनिश्चित होना चाहिए।